बहुत साल पहले की बात है।
तब के बिहार के मुख्य मंत्री को एक सांसद अपने
चुनाव क्षेत्र में ले गए।
मुख्य मंत्री जिस जाति के थे,उन्हीं की जाति की
बहुलता वाले एक बड़े गांव में सभा रखी गई थी।
सांसद महोदय दूसरी जाति के थे।
स्वागत भाषण करते हुए सांसद ने कहा कि मुख्य मंत्री जी आए हैं।
ये आपके गांव में हाईस्कूल की स्थापना की घोषणा आज जरूर कर देंगे।
बाद में मुख्य मंत्री ने भाषण किया।
किंतु हाई स्कूल की उन्होंने कोई चर्चा तक नहीं की।
सभा समाप्ति के बाद दोनांे एक ही कार में लौटने लगे।
मुख्य मंत्री ने सांसद से कहा कि आपने हाई स्कूल की चर्चा क्यों कर दी ?
यदि यहां हाई स्कूल खुल जाएगा और ये सब पढ़-लिख जाएंगे तो क्या ये हमें ही वोट देंगे ?
यह बात उस सांसद ने मुझे व्यक्तिगत बातचीत में कभी बताई थी।
अब आप मत पूछिएगा कि यह पुरानी बात आज प्रासंगिक कैसे है ?
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--सुरेंद्र किशोर-13 सितंबर 20
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