‘‘एक बड़े नेता की संतान दिल्ली के एक ही कमरे में
बैठकर 21 कंपनियां चलाती थीं।
6 हजार करोड़ रुपए की मालकिन बन बैठी।
तब देश की अर्थ-व्यवस्था बहुत मजबूत थी।
पर,जब मोदी सरकार ने उन फर्जी कंपनियों को बंद
करा दिया तो मंदी आ गई।’’
---इरफान अहमद,
भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के उपाध्यक्ष
11 सितंबर 2020
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‘‘चाहे यह भ्रष्टाचार का विरोध हो या भ्रष्ट के रूप में देखे जाने का भय,शायद भ्रष्टाचार अर्थ व्यवस्था के पहियों को
आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण था,इसे काट दिया गया है।
मेरे कई व्यापारिक मित्र मुझे बताते हैं निर्णय लेेने की गति धीमी हो गई है।.............’’
-- नोबल विजेता अभिजीत बनर्जी,
दैनिक हिन्दुस्तान, 23 अक्तूबर 2019
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अभिजीत बनर्जी राहुल गांधी के अघोषित आर्थिक सलाहकार बताए जाते हंै।
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