जो लोग सी.ए.ए.,
एन.पी.आर.
और एन.आर.सी. का
प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से
विरोध कर रहे हैं, वे लोग भारत के खिलाफ
अघोषित युद्ध लड़ रहे हैं।
मेरी यह बात अभी कई लोगों को बेसिरपैर की और कुछ लोगों को अतिशयोक्ति लग सकती है।
जिन्हें लगेगी,उनमें से कुछ तो अनजान हैं तो कुछ अन्य .....
अभी मैं उन्हें कोई नाम नहीं दूंगा।
दस-पांच साल बाद आप ही उन्हें कुछ नाम देने को बाध्य हो जाएंगे।
अभी आप भी नाम मत दीजिए।
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--सुरेंद्र किशोर
20 सितंबर 20
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इस बीच दिल्ली दंगे से संबंधित आरोप पत्र अदालत में दाखिल कर दिया गया।
आरोप पत्र से भी जेहादी दंगाइयों के मंसूबे का पता चला है।
उससे भी मेरी ऊपर की आशंका की ही पुष्टि होती है।
यानी, देश भारी खतरे में है।
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