डा.राम मनोहर लोहिया ने कहा था कि जो
लोग राजनीतिक जीवन में जाना चाहते हैं,उन्हें
अपना परिवार नहीं बसाना चाहिए।
दरअसल उन्होंने कतिपय बड़े नेताओं पर उनकी संतान व परिजन का उत्तराधिकारी बना देने के लिए भारी दबाव तभी देखा था।
आज तो इस देश की राजनीति में महामारी की तरह परिवारवाद-वंशवाद की बीमारी फैल चुकी है।
संभवतः इसका अनुमान डा.लोहिया को पहले से ही रहा होगा।
खुद डा.लोहिया ने अपना परिवार नहीं बसाया।
क्या इस कारण कि ऐसा करने पर बुढ़ापे में उन्हें भी अपनी संतान से दबाव पड़ने की आशंका हो गई थी ?
पता नहीं।
---सुरेंद्र किशोर--11 सितंबर 20
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