दुरुपयोग बनाम उपयोग
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सुरेंद्र किशोर
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‘‘केंद्र की भाजपा सरकार जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है’’
कई गैर भाजपा दलों के अनेक नेताओं का यही आरोप है ।
वे कह रहे हैं कि केंद्र सरकार हमारे नेताओं के खिलाफ बदले की भावना से काम कर रही है।
उसे तो जो ठीक लग रहा है, केंद्र सरकार वह काम कर रही हैं।
पर कांग्रेस जब 2004 से 2014 तक केंद्र की सत्ता में थी तो वह क्या कर रही थी ?(अब भी गैर भाजपा राज्य सरकारें उन राज्यों में भ्रष्ट भाजपा नेताओं के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं करती ?
क्या कार्रवाई करने लायक कोई आधार नहीं मिल रहा है ? या वे चाहते हैं कि तुम हमें बचाओ और हम तुम्हें बचाएंगे ?)
28 सितंबर, 2004 को यह खबर आई थी कि मनमोहन सिंह सरकार पिछली अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के सभी घोटालों की जांच करेगी।
क्या उसने अपना यह वादा पूरा किया ?
नहीं किया।
पर,भाजपा ने जांच का जो वादा सत्ता में आने से पहले जनता से किया था,वह उसे पूरा कर रही है।
अगली बार यदि कांग्रेस आदि को मौका मिलेगा तो उनसे भी यह उम्मीद की जाती है कि वे अपना वादा पूरा करेंगे।उस दिन का इंतजार कीजिए।
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साप्ताहिक काॅलम
‘कानोंकान’
प्रभात खबर
बिहार संस्करण
6 मार्च 23
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पुनश्चः
यदि भाजपा सरकार एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है तो आप सदुपयोग क्यों नहीं करते ?
एक भाजपा विरोधी नेता ने हाल में कहा कि यदि सी.बी.आई.-ई डी हमारे हाथ में थोड़े दिनों के लिए भी दे दो तो देखो ,मैं कैसे भाजपा नेताओं को सबक सिखा देता हूं।
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डा.सुब्रह्मण्यम स्वामी के पास तो कोई जांच एजेंसी नहीं थी।फिर भी उन्होंने सोनिया गांधी और जय ललिता सहित कई नेताओं को ‘सबक’ सिखा दिया।
याद रहे कि आज सुप्रीम कोर्ट प्रदत्त कानूनी सुविधा उपलब्ध है कि कोई सामान्य व्यक्ति भी किसी बड़े से बड़े घोटालेबाज के खिलाफ जांच कराने के लिए अदालत की शरण ले सकता है।डा.स्वामी ने इसी सुविधा का लाभ उठाया था।
डा.स्वामी ने जब नेशनल हेराल्ड का मामला कोर्ट में दायर किया तब नरेंद्र मोदी की सरकार नहीं थी।
जब स्वामी ने जय ललिता के खिलाफ मामला शुरू किया तब भी स्वामी पावर में नहीं थे।
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इन दिनों डा.स्वामी खाली ही हैं।
कपिल सिंबल ने भी हाल में कहा है कि ‘‘मैं नरेंद्र मोदी को सुधार दूंगा।’’
जो लोग इन दिनों सी.बी.आई.-ई.डी.से परेशान हैं वे सिब्बल और सवामी को गुरु बनाएं।उनकी शरण में जाएं।
भाजपा नेताओं के खिलाफ जहां भी जो सबूत मिले,उसे जुटाइए।
स्वामी-सिब्बल से मदद लीजिए।
सिर्फ रोना रोने से काम नहीं चलेगा।
किसी पर तंग करने का सिर्फ आरोप लगा देने से काम नहीं चलेगा।
क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने हाल में भी कहा है कि यह देश भ्रष्टाचारियों से तबाह है।
यदि किसी के खिलाफ सबूत के साथ सी.बी.आई.-इ.डी.आगे बढ़ रही है तो आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट से भी कोई राहत मिलने वाली नहीं है।
मैं जानता हूं कि आप यह काम नहीं करंेगे।सिर्फ रोना रोएंगे।जय ललिता भी रेाना रोेते -रोत दिवंगत हो गईं।
क्योंकि आप भी जानते हैं कि आपके खिलाफ आरोप झूठे नहीं हैं।
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