हिटलरशाही को आमंत्रित मत कीजिए !!!
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आंध्र दुर्घटना -रेल मंत्री बोले-ड्राइवर
मोबाइल पर क्रिकेट देख रहे थे।
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रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पिछले साल 29 अक्तूबर को आंध्र प्रदेश के विजयनगरम जिले में हुए टे्रन हादसे के बारे में चैंकाने वाला खुलासा किया।
वैष्णव ने कहा कि जिन दो पैसेंजर ट्रेनों की टक्कर में 14 यात्रियों की मौत हुई थी, उनमें से एक के पायलट और को-पायलट फोन पर क्रिकेट मैच देख रहे थे।
(रेल मंत्री ईमानदार हैं।उनकी मंशा सजा देने की है।इसलिए इसका ख्ुालासा कर दिया।वे दबाव में आने वाले नहीं हैं।
अन्यथा कोई बेईमान रेल मंत्री इस खबर को छिपा लेता।
अब आप निकट भविष्य में पूछ सकते हैं कि क्रिकेट मैच देखने वालों को कितनी सजा हुई ?)
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कहीं मैंने हिटलर के शासन के बारे में कुछ ऐसा ही पढ़ा था।
(हिटलर शासन के जानकारों से अपील है कि यदि यह बात गलत हो तो मुझे सही बात बता देंगे।)
हिटलर के शासन काल के प्रारंभिक वर्ष की बात थी।
तब के ट्रेन ड्रायवर किसी भी स्टेशन पर रेलगाड़ी अनिश्चितकाल तक के लिए खडी़ कर देते थे।
ड्रायवर,खलासी और स्टेशन मास्टर आदि मिलकर ताश खेलने लगते थे।
पैसेंजर चिल्लाता रहता था,पर उसे सुनने वाला कोई नहीं था।
हिटलर को जब इस बात का पता चला तो वह छापेमारी करने लगा।
जहां भी रेलकर्मी ताश खेलते पाए जाते थे,हिटलर उसी समय उन्हें गोली मार देता था।
जब ऐसे कई एक्शन हुए तो हर ड्रायवर को यह लगने लगा कि हिटलर रिवाल्वर लेकर उसकी पीठ पर खड़ा है।
उसके बाद रेलगाड़ी समय पर चलने लगी।
भारत में इमरजेंसी (1975-77)में भी समय पर टे्रन चलती थी।
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यदि मौजूदा भारत में भीषण भ्रष्टाचार, आतंकवाद और घुसपैठ आदि की समस्याएं इसी तरह बढ़ती गयीं तो
अंततः क्या होगा ?
उसी तरह के काम होंगे जिस तरह के ऐक्शन यू.पी में हो रहे हैं।
अपराधी सह अतिक्रमणकारी के घर बुलडोजर से ढाहे जाएंगे।
इस देश की सीमा में अवैध रूप से प्रवेश करने और करवाने वालों पर सीधे गोली चलेगी।
सरेआम रिश्वत लेने वालों के खिलाफ भी इसी तरह की कार्रवाई होगी अन्यथा यह देश नहीं बचेगा।
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क्या कभी यह कल्पना की जाती थी कि क्रिकेट मैच की सनक में ट्रेन ड्रायवर 14 यात्रियों की जान ले लेगा ????
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4 मार्च 24
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