सोमवार, 18 मार्च 2024

        दूरदर्शी सलाहकार जरूरी 

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दूरदर्शी सलाहकारों की कमी के कारण ही नीतीश कुमार ने बारी -बारी से दो बार राजग छोड़ दिय़ा था।

  इस बार जब नीतीश जी राजग में लौटे तो उन्होंने प्रधान मंत्री को सार्वजनिक रूप से यह आश्वासन दिया कि अब आपका साथ हम नहीं छोडे़ंगे।

नीतीश जी ने अच्छा किया।

अपने लिए भी और अपने समर्थकों-प्रशंसकों के लिए भी अच्छा किया।

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पर,लगता है कि पशुपति जी पारस के आसपास भी दूरदर्शी सलाहकारों की कमी है।

पारस जी को यह समझ लेना चाहिए कि राम बिलास पासवान जी का वोट बैंक अब चिराग के साथ है, आपके साथ नहीं।

इस संबंध में भाजपा नेतृत्व को सही जानकारी मिली है।

बाल ठाकरे के भतीजा उनके उतराधिकारी नहीं बने।

मुलायम जी के भाई नहीं बन सके।

लालू जी के साला नहीं बने और करूणनिधि के पुत्र ही उनके उत्तराधिकारी बने न कि कोई मारन जी।

वैसे चिराग जी के साथ दिक्कत यह है कि लगता है कि वे थोड़ा ‘जल्दीबाजी’ में हैं।सन 2020 के विधान सभा चुनाव में उनकी भूमिका से यही पता चला।आगे भी ऐसी ‘‘जल्दीबाजी’’ रहेगी तो उनके कैरियर के लिए ठीक नहीं रहेगा।

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केंद्र सरकार का पारस जी और पिं्रसराज के लिए फिलहाल  आॅफर सम्मानजनक है।

हाजीपुर से चुनाव लड़कर यदि हार जाइएगा तो केंद्र सरकार दोबारा आपको वह आॅफर नहीं देगी।

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16 मार्च 24


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