मोदी है तो मुमकिन है
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सांसद फंड की समाप्ति के बिना भ्रष्टाचार
को काबू में लाना असंभव
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समाप्ति का यह काम नरेंद्र मोदी ही कर सकते हैं।
अटल जी और मनमोहन जी तो चाहते हुए भी इसे
समाप्त नहीं कर सके थे
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सुरेंद्र किशोर
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मेरा मानना है कि सांसद क्षेत्र विकास फंड सरकारी व राजनीतिक भ्रष्टाचार का ‘‘रावणी अमृत कुंड’’ है।
इस फंड के प्रावधान की समाप्ति के बिना शासन व राजनीति से भ्रष्टाचार की समाप्ति कौन कहें,इसे कम करने की भी कल्पना नहीं की जा सकती।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी आज इतने लोकप्रिय और ताकतवर हैं कि वे ही इस फंड को समाप्त कर सकते हैं।
अभी लोहा गर्म है।
वैसे भी यह जन कल्याण का काम है।
नब्बे के दशक में भ्रष्टाचार को संस्थागत रूप देने के लिए ही इस फंड को शुरू किया गया था।
खबर मिली थी कि कुछ साल पहले मोदी जी ने इस फंड की समाप्ति को लेकर सांसदों से राय मांगी थी।
पता चला कि सिर्फ 3 सांसदों ने इसकी समाप्ति के पक्ष में राय दी।इसकी ‘ताकत’ तो देखिए !!
अटल बिहारी वाजपेयी जी ,मनमोहन सिंह जी प्रधान मंत्री थे तो वे चाहते हुए भी इसे समाप्त नहीं कर सके थे।
पर मोदी दूसरी ही मिट्टी के बने हैं।मोदी लुंजपुंज नेता नहीं है।
मोदी है तो यह असंभव सा दिखने वाला यह काम भी
मुमकिन है।इसके बड़े फायदे हैं।किसी अन्य एक काम से इतना फायदा नहीं।
लोक सभा के भाजपा उम्मीदवारों को, जो अपनी जीत के लिए आज मोदी पर ही निर्भर हैं, ‘‘चुनावी टिकट’’ देते समय ही भाजपा नेतृत्व उनसे यह लिखवा लें या उन्हें साफ -साफ कह दे कि नयी लोक सभा के कार्यकाल शुरू होते ही सांसद फंड बंद हो जाएगा।अन्य किसी दल से ऐसी उम्मीद नहीं की सकती।
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अब नहीं तो कभी नहीं मोदी जी !!
सांसद फंड में कमीशनखोरी और न खाएंगे और न खाने देंगे --दोनों बातें एक साथ कैसे चलेंगी ? !!
सांसद शब्द बड़ा पवित्र शब्द है,इसकी गरिमा बढ़ाने का काम तुरंत शुरू हो जाना चाहिए।
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18 मार्च 24
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