पाक,अफगानिस्तान और
बांग्ला देश से पीड़ित होकर
भारत में शरण लिए गैर मुस्लिम
शरणार्थियों के बारे में
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सुरेंद्र किशोर
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सी.ए.ए.के तहत उन्हें बारी -बारी से भारत की नागरिकता दी जा रही है।
उन्हें इस देश की अधिकतर सरकारें (ध्यान रहे,सब नहीं।)
तो मदद करेंगी ही।
साथ ही, देश के व्यापारी और उद्योगपति गण भी ‘‘कंपनी सामाजिक उत्तरदायित्व’’ यानी सी.एस.आर, के तहत उनकी योग्यता के अनुसार उन्हें मदद करें।
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याद रहे कि इस देश की कंपनियों के लिए यह अनिवार्य है कि वे अपने नेट मुनाफे में से 2 प्रतिशत सी.एस.आर.के तहत खर्च करें।करते भी रहें हैं।पर,यह नई जिम्मेदारी उठाकर उन्हें भी संतोष होगा।
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