रविवार, 11 अप्रैल 2021

 भैरव लाल दास का नाम उन चंद लेखकों में शामिल 

हो गया है जो खोजपूर्ण व तथ्यपरक लेखन करते हैं।

  उनकी नई पुस्तक पंडित राज कुमार शुक्ल पर आई है।

पुस्तक का नाम है -‘‘महात्मा गांधी के तीसरे गुरु पं.राजकुमार शुक्ल।’’

प्रकाशक है आदित्य इंटरप्राइजेज,पटना।

  नाम से ही विषय वस्तु की एक झलक मिल जाती है।

वैसे भी जो चम्पारण के गांधी को जानते हैं,वे राजकुमार शुक्ल की भूमिका से भी अवगत हैं।

  भैरव लाल दास की अन्य पुस्तकें हैं 

गोत्राध्याय,

कैथी लिपि का इतिहास,

विप्लवी बटुकेश्वर दत्त,

गदर आंदोलन का इतिहास,

महात्मा गांधी के चम्पारण आंदोलन के सूत्रधार -राजकुमार शुक्ल की डायरी,

चम्पारण में गांधी की सृजन यात्रा

तिनकठिया,

क्रांतिकारी गांधीवादी: देवशरण सिंह

और विन्घ्येश्वरी प्रसाद वर्मा-एक संत राजनेता।

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‘आशा और विश्वास एक यात्रा’

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मशहूर चिकित्सक और पूर्व केंद्रीय मंत्री डा.सी.पी.ठाकुर ने इसी नाम से किताब लिखी है।

दैनिक प्रभात खबर के अनुसार 

‘‘डा.ठाकुर की पुस्तक में उनके पटना मेडिकल काॅलेज में प्रवेश से लेकर ब्रिटेन में उच्च शिक्षा हासिल करने और राजनीति में आने तक के प्रसंगों की जीवंत चर्चाएं हैं।’’ 

इसे मशहूर ‘प्रभात प्रकाशन’ ने प्रकाशित किया है।

  डाक्टर साहब एक सफल चिकित्सक व सफल राजनेता रहे हैं।

उनकी पुस्तक तो मेरे सामने नहीं है।

किंतु मैं अनुमान लगा सकता हूं कि पुस्तक में अनेक ऐसे प्रसंग होंगे जो दोनों क्षेत्रों के लोगों को प्रेरित करेंगे।

    इस देश के बड़े नेतागण अब आम तौर पर अपने संस्मरण खुद नहीं लिखते।अपवादों की बात और है।

आजादी की लड़ाई के दौर के अनेक नेताओं ने लिखे हंै।

  डा.ठाकुर को धन्यवाद कि उन्होंने लिखा।

ऐसी पुस्तकों से न सिर्फ उस हस्ती के बारे में बल्कि उस समय के बारे में भी महत्वपूर्ण जानकारियां मिल जाती हैं।

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सुरेंद्र किशोर--10 अप्रैल 21


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