शनिवार, 3 अप्रैल 2021

 समय से पहले और तकदीर से ज्यादा,

कभी किसी को कुछ नहीं मिलता।

रे मनुआ ! निराशा कैसी ?

समय आने पर पूरा मिलेगा,

जो तकदीर में बदा है,वह सब मिलेगा।

          --- अज्ञात 

मार्च 2021


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