समय से पहले और तकदीर से ज्यादा,
कभी किसी को कुछ नहीं मिलता।
रे मनुआ ! निराशा कैसी ?
समय आने पर पूरा मिलेगा,
जो तकदीर में बदा है,वह सब मिलेगा।
--- अज्ञात
मार्च 2021
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