पश्चिम बंगाल चुनाव
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ममता बनर्जी द्वारा मुसलमान मतदाताओं को एकजुट रखने की अपील सांप्रदायिकता नहीं है।
लेकिन हिन्दू वोटर एका की अपील सांप्रदायिक हो जाती है।
.......यह कौन सा मेकनिज्म है !
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---मीनाक्षी जोशी
दैनिक जागरण
4 अप्रैल 21
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संदर्भ
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मुमहम्मद पुर,बेनी पट्टी ,मधुबनी में एक ही
परिवार के पांच लोगों का सामूहिक संहार
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यह बात एक बार फिर साबित हुई है।
किस सामाजिक समूह के नर संहार के बाद प्रतिक्रियास्वरूप किस संगठन,किस नेता और किस बुद्धिजीवी को क्या बोलना
है,कितना बोलना है या चुप रहना है,यह सब पहले से ही निर्धारित रहता है।
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चुनाव में हारने वाले नेता
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सन 1969 में तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी ने ‘गरीबी हटाओ’ का नारा दिया।
जनता ने खुश होकर इंदिरा जी को 1971 के लोक सभा चुनाव में भारी बहुमत से जिता दिया।
उस पर जनसंघ अध्यक्ष बलराज मधोक ने कहा कि मतपत्र पर रसियन स्याही का उपयोग किया गया था।यानी , इंदिरा गांधी की जीत फर्जी है।
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इन दिनों जब कांग्रेस को अपने लिए कोई चुनावी उम्मीद
नजर नहीं आ रही है तो पियंका गांधी कह रही हैं कि
‘‘चुनाव आयोग ने अपनी रूल बुक से निष्पक्षता वाले पेज को फाड़कर फेंक दिया है।’’
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अपनी गलतियों से नहीं सीख रही कांग्रेस
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17 नवंबर, 2015 को मणिशंकर अय्यर ने पाकिस्तानियों से अपील की थी कि आप नरेंद्र मोदी को सत्ता से हटाओ।
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सन 2019 के लोकसभा चुनाव में अधिक बहुमत
से मोदी सरकार सत्ता से आ गई।
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गत शुक्रवार को राहुल गांधी ने एक अमरीकी से कहा कि भारत में 2014 के बाद लोकतंत्र बचा नहीं है।फिर भी अमरीका चुप है।
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अब देखना है कि राहुल के इस बयान का कांग्रेस पर कुप्रभाव
उसी तरह पड़ता है या नहीं जिस तरह का असर मणिशंकर के 2015 के बयान का पड़ा था !
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--सुरेंद्र किशोर-
4 अप्रैल 21
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