सोमवार, 26 अप्रैल 2021

     भगत सिंह पड़ोसी के घर में पैदा हो !

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  दिक्कत यह है कि अधिकतर लोग यह चाहते हैं कि सत्ता 

में बैठा व्यक्ति तो राजा हरिश्चंद्र हो,पर मेरे अपने बेटे को ऐसी सरकारी नौकरी मिल जाए,जिसमें ऊपरी आमदनी अपार हो।

मैं भी जब वोट देने मतदान केंद्र पर जाऊंगा

तब मेरे मन में कुछ अन्य प्राथमिकताएं होंगी।

हम चाहते हैं कि भगत सिंह मेरे पड़ोस के घर में पैदा हो, मेरे घर में नहीं।

 पर, हम खुद लोकतांत्रिक सक्रिय राजनीति के कंटकाकीर्ण मार्ग पर चार कदम भी नहीं चलेंगे।

   आप जैसे ईमानदार लोग सक्रिय राजनीति में नहीं जाएंगे तो जो जाएगा,वहां वर्षों तक डटा रहेगा ,वही तो राजपाट चलाएगा।

राजपाट चलाने वालों में कुछ ईमानदार होंगे तो कुछ बेईमान भी होंगे।

   यदि आप चाहते हैं कि राजनीति में सक्रिय बेईमानों की संख्या से ईमानदार लोगों की संख्या किसी दिन बहुत अधिक हो जाए तो आप आरामदायक व रूटीन लाइफ त्याग कर बड़ी संख्या में राजनीति में प्रवेश करें ।

इस तरह एक दिन संख्या की दृष्टि से बेईमानों पर हावी हो जाएं।

  किस तरह अरविंद केजरीवाल व उसके गैरराजनीतिक उत्साही साथियों ने दिल्ली की राजनीति पर कब्जा कर लिया।

लेकिन क्या आप ऐसा कर पाएंगे ? 

मुझे तो नहीं लगता।

क्योंकि वह आपके वश की बात नहीं।

आपके वश में जो है,आप वही करेंगे।

कर ही रहे हैं !

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सुरेंद्र किशोर 

26 अप्रैल 21


 

  


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