पश्चिम बंगाल चुनाव नतीजे की प्रतिध्वनि
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--सुरेंद्र किशोर--
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कुछ लोग यह अनुमान लगा रहे हैं कि यदि ममता बनर्जी दुबारा मुख्य मंत्री बन गईं तो 2024 के लोक सभा चुनाव में नरेंद्र मोदी को परेशानी होगी।
इस स्थापना से सहमत होना जरा कठिन है।
पहले यह समझना होगा कि नरेंद्र मोदी 2014 और 2019 के चुनाव क्यों जीत गए थे।
मेरी समझ से उसके तीन प्रमुख कारण थे
!.-मनमोहन सिंह सरकार के भीषण भ्रष्टाचार।
2.-अधिकतर गैर राजग दलों में वंशवाद और परिवारवाद।
3.-मोदी विरोधी दलों में ‘तुष्टिकरण’ की होड़।
तुष्ट्रिकरण यानी सामान्य व गरीब मुस्लिमों का तुष्टिकरण नहीं।
बल्कि, उनके बीच के अतिवादी व जेहादी तत्वों का तुष्टिकरण।
यदि सामान्य गरीब मुसलमानों व दलितों के विकास के लिए कोई सरकार कुछ अधिक ही खर्च कर दे तो उससे देश मजबूत ही होगा।
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अब अनुमान लगाइए कि आगामी 2 मई के बाद कितने मोदी विरोधी दल व नेता उपर्युक्त तीन मामलों में नरेंद्र मोदी से बेहतर दिखाई पड़ने लगेंगे ?
दूसरी ओर , यदि ममता बनर्जी जीत भी गईं तो उस जीत में मुस्लिम वोट बैंक (जिनमें घुसपैठियों का ही अधिक योगदान होगा) का ही सर्वाधिक योगदान माना जाएगा।
पिछली जन गणना के अनुसार पश्चिम बंगाल में 27 प्रतिशत मुस्लिम हैं।
अब बताइए कि वह जीत केंद्र की राजनीति को कैसे प्रभावित करेगी ?
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हंा,यदि किन्हीं अन्य अप्रत्याशित कारणों से मोदी सरकार की भारी विफलता इस बीच जनता के सामने आ गई तो फिर नहीं कहा जा सकता कि 2024 के लोस चुनाव में कैसा रिजल्ट होगा !
लेकिन वे अप्रत्याशित कारण कौन -कौन से हो सकते हैं ?
इस संबंध में अनुमान के घोड़े दौड़ाइए।
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21 अप्रैल 21
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