पहले दुनिया,कोरोना की दूसरी लहर से स्तब्ध हुई।
अब चुनौती भारत में है।
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देश के प्रायः सभी हिस्सों में,मास्क न लगाने के दृश्य आम हैं।
दो गज की दूरी भी नहीं है।
क्या हम आपदाओं को आदतन बुलाते हैं ?
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सामूहिक व्यवहार में यह असावधानी क्यों ?
स्वानुशासन के बगैर ,व्यवस्थित समाज,राज और व्यवस्था चल सकती है ?
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हरिवंश,
राज्य सभा के उप सभापति,
दैनिक भास्कर,
16 अपैल 21
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