हमारे देश के कई लोग व संगठन
इसलिए नहीं कर रहे
‘तालिबान’ की आलोचना ?
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अफगान पाॅप स्टार अरयाना सईद ने अपने मंगेतर
से कहा कि ‘‘इससे पहले कि तालिबान मुझे पकड़
लें, तुम मुझे गोली मार दो।’’
बाइडन ने ऐसे बर्बर लोगों को सत्ता की चाबी
सौंप दी है और अब अमेरिका चाहता है कि हम यह मान लें कि तालिबान इतने सज्जन हैं जो आइ एस के खिलाफ लड़ रहे हैं।
--- तारेक फतह
दैनिक जागरण --31 अगस्त 21
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1.-तारेक फतेह साहब !
क्या इस दुनिया में बर्बर इस्लामी जेहादियों से लड़ने की जिम्मेदारी सिर्फ अमेरिका की है ?
अमेरिका तो अपने दुश्मनों के सफाए के लिए अफगानिस्तान आया था।
उसका उद्देश्य पूरा हो गया।
वह लौट गया।
ऐसे बर्बर लोगों से आज भारत सहित जो -जो देश पीड़ित हैं,उन्हें मिलकर सामूहिक रूप से कदम उठाना पड़ेगा।उसके बाद ही अमेरिका से मदद मांगिए।
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2.-भारत के जिन लोगों ने मध्य युग के राजस्थान
की महिलाओं के ‘जौहर’ की गंभीरता को अब तक नहीं समझा है ,वे अरयाना सईद का प्रसंग जानकार अब तो समझ लें।
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3.-भारत के जो राजनीतिक व गैर राजनीतिक लोग व संगठन आज तालिबान की तारीफ कर रहे हैं या उसकी बर्बरताओं के खिलाफ न बोल रहे हैं और न लिख रहे हैं, वे दरअसल जाने-अनजाने इस देश में भी ‘तालिबान राज’ ही चाहते हैं।
वोट लोलुपता जो न कराए !!!
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