पत्रकार गणेश मंत्री पर हरिवंश जी के संस्मरण
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सुरेंद्र किशोर
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राज्य सभा के उप सभापति हरिवंश ने ‘धर्मयुग’ के प्रधान संपादक रहे गणेश मंत्री पर अपनी पुस्तक आज मुझे दी।
इस पुस्तक की संपादक हैं डा.अनुपमा कुमारी।
अत्यंत प्रतिष्ठित साप्ताहिक पत्रिका ‘धर्मयुग’ की प्रसार संख्या जब छह लाख थी,तब गणेश मंत्री ने धर्मयुग(अब प्रकाशन बंद) ज्वाइन किया था।
हरिवंश जी भी कभी धर्मयुग के संपादकीय विभाग में मंत्री जी के सहकर्मी थे।
बाद में मंत्री जी उस पत्रिका के प्रधान संपादक बने।
गणेश मंत्री जैसे विचारवान,चरित्रवान और मूल्यपरक पत्रकार के बारे में कुछ भी पढ़कर मुझे अच्छा लगेगा।इसे मैं पढ़ूंगा।
और, जब गणेश मंत्री के व्यक्तित्व-कृतित्व पर हरिवंश जी के व्यक्तिगत संस्मरणों के साथ इसमें वैचारिक पक्ष की भी विस्तृत व्याख्या है तब तो और भी अच्छा लगेगा।
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एक बात यह भी
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गणेश मंत्री के पिता राजस्थान सरकार में मंत्री थे।
पर,उनकी सरकारी गाड़ी का उपयोग करने से गणेश मंत्री ने इनकार कर दिया था।
इससे यह बात साबित होती है कि गणेश मंत्री मानते थे कि पत्रकार के लिए नैतिकता और चरित्र बल का कितना अधिक महत्व होता है।
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6 नवंबर 22
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