जेल में भी मंत्री बने रहे
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केजरीवाल सरकार के जेल मंत्री सत्येंद्र जैन महीनों से तिहाड़ जेल में हैं।
फिर भी अरविंद केजरीवाल की कृपा से मंत्री पद पर भी बने हुए हैं।
यदि जेल जाने के बाद भी किसी आरोपी के मंत्री बने रहने में कोई कानूनी या संवैधानिक बाधा नहीं है तो किसी मुख्य मंत्री या प्रधान मंत्री के लिए भी कोई बाधा नहीं होगी।
सत्येंद्र -अरविंद की इस करतूत को देखकर लालू प्रसाद के प्रति हमारा सम्मान बढ़ जाना चाहिए।
सन 1997 में जेल जाने के लिए लालू को मुख्य मंत्री पद छोड़ देना पड़ा था।
वे भी तो सत्येंद्र जैन की तरह जेल से सरकारी काम कर सकते थे !!
याद रहे कि शरद पवार के दल के नबाब मलिक भी और ठाकरे सरकार के एक अन्य मंत्री भी लंबे समय तक मंत्री रहते हुए जेल में रहे।
क्या इस देश का लोकतंत्र घोर कलियुग के दौर से गुजर रहा है ?
क्या मोदी सरकार इस मामले में संविधान या कानून में परिवर्तन करने पर विचार करेगी ?
भारत के लोकतंत्र को जग हंसाई से बचाने के लिए अब यह जरूरी है कि कोई आरोपी मंत्री,प्रधान मंत्री या मुख्य मंत्री जेल जाने के बाद अपने पद पर बना नहीं रहे।
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पुनश्चः
गुजरात के मोरबी पुल कांड के बारे में जान कर ऐसी धारणा बन रही है कि एक स्तर पर भ्रष्टाचार के मामले में गुजरात और अन्य राज्यों में कोई फर्क नहीं है।
क्या अब भी भ्रष्टों के लिए इस देश में फांसी की सजा का कानूनी प्रावधान नहीं होगा ?
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सुरेंद्र किशोर
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2 नवंबर 22
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