तीन अच्छी खबरें
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सुरेंद्र किशोर
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1.-मुुख्य मंत्री नीतीश कुमार ने नशाबंदी के प्रति एक बार फिर अपनी प्रतिबद्धता दिखाई।यह कदम सराहनीय है।
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बिहार में नशाबंदी के कारण खुद मेरे कतिपय नीयर-डियर दारूबाज होने से बच गए।
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शादी-ब्याह,दुर्गा -सरस्वती विसर्जन जुलूस के साथ अब पटना की सड़कों पर पियक्कड़ों की गंुडागर्दी दिखाई नहीं पड़ती।
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किंतु मेरी शुरू से यह सलाह रही है कि मेडिकल आधार पर कुछ लोगों को शराब खरीदने और पीने की छूट मिलनी चाहिए।
सन 1977 की नशाबंदी के समय मोरारजी देसाई सरकार ने ऐसी छूट दे रखी थी।इसीलिए विरोध का स्वर आज जैसा तब तीखा नहीं था।
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2.--राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने जगदानंद सिंह को प्रदेश राजद अध्यक्ष पद पर सक्रिय करके अपने दल के हित में अच्छा काम किया है।
उनकी अनुपस्थिति में जगदानंद सिंह जैसे अनुशासन प्रिय और ईमानदार नेता को बिहार राजद की कमान सौंपना उनकी पार्टी के हक में है।
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3.-प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि
‘‘राष्ट्र को अधिक ऊंचाई पर ले जाने के लिए संविधान के मौलिक कत्र्तव्यों का पालन करना हम सभी की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए।’’
कल मैंने भी उन संविधान में दर्ज मौलिक कत्र्तव्यों की सूची अपने फेसबुक वाॅल पर पोस्ट कर दी थी।
मेरा मानना है कि यदि मौलिक कत्र्तव्यों का पालन हो तो इस देश की अनेक समस्याओं का हल हो जाएगा।
दूसरी ओर, आज के विभिन्न राजनीतिक दल के नेता गण और एकतरफा सोच वाले बुद्धिजीवी अपने राजनीतिक और विवादास्पद हितों की पूर्ति के लिए देश के सामने भारतीय संविधान की अलग -अलग व्याख्याएं प्रस्तुत करते रहते हैं।
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27 नवंबर 22
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