मंगलवार, 29 नवंबर 2022

   सन्नाटा बनाम भारी भीड़

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 जिस दौड़ में भीड़ कम,प्रतिस्पर्धी कम,

    वहां जीत का चांस बेहतर !

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    --सुरेंद्र किशोर

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किसी ने ठीक ही कहा है कि

यदि आप शीर्ष पर पहुंचना चाहते हो,तो ऐसी दौड़ में 

ही शामिल होओ जिसमें भीड़-भाड़ यानी प्रतिस्पर्धी यानी होड़ बहुत ही कम हों।

  भ्रष्टाचारियों की बड़ी जमात में से हर व्यक्ति एक दूसरे से आगे निकल जाना चाहता है।

वहां भीड़ बेशुमार है।

नाजायज तरीके से अधिक से अधिक धनोपार्जन की आपसी गलाकाट होड़ है।

यानी, धन-दौलत की लूट है,लूट सके सो लूट !!

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किंतु ईमानदार लोगों की (अघोषित) आपसी प्रतिस्पर्धा में कोई खास भीड़-भाड़़ नहीं है।

कई क्षेत्रों में तो भारी सन्नाटा है।

जहां प्रतिस्पर्धी कम हों,वहां से उभर कर शीर्ष पर पहुंचने का चांस भी काफी बेहतर हैै।

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  27 नवंबर 22


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