मंगलवार, 14 नवंबर 2017

दुनिया के अनेक देशों के नागरिकों के लिए अनिवार्य 
सैनिक सेवा या ट्रेनिंग का कानूनी प्रावधान है।
ब्रिटेन के राज कुमार भी युद्ध भूमि में सैनिक बन कर जा चुके हैं।
  ऐसे देशों में भी नागरिकों के लिए भी सैनिक प्रशिक्षण व सीमित अवधि के लिए सेवा का प्रावधान है जिन देशों पर युद्ध का खतरा नहीं रहता है।
पर हमारे देश में न सिर्फ बाहरी बल्कि ‘घोषित -अघोषित आंतरिक युद्ध’ भी होते रहते हैं।फिर भी यहां ऐसा कोई प्रावधान नहीं है।
 इस देश के भीतर ही इस देश के खिलाफ सक्रिय लोगों की ताकतवर जमात सक्रिय है।वे ऐसा नहीं होने देंगे।
 यहां के राजनीतिक नेताओं के परिजन तो शायद ही सैनिक सेवा में जाते हैं।
  ऐसे में कुछ अच्छे नेताओं को ही इस दिशा में पहल करनी होगी।
देश से ममता रखने वाले जो राजनीतिक दल हैं,वे इस दिशा में एक महत्वपूर्ण काम कर सकते हैं।
वे संसद और विधान सभाआंे के 10 प्रतिशत सीटें ऐसे उम्मीदवारों के लिए रिजर्व कर दें जिनके पुत्र सेना में हैं।फिर देखिए कितना फर्क पड़ता है।
    


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