नये रेल मंत्री पीयूष गोयल से लोगों की उम्मीदें बढ़ी हैं।उनके कदम भी
अच्छाई की ओर बढ़ते लग रहे हैं।
पर महत्वपूर्ण सवाल यह है कि जो निर्णय वह कर रहे हैं,उनका कार्यान्वयन कितना हो रहा है !
हाल में एक खबर आई थी कि करीब 50 हजार गैंगमैन बड़े रेल अफसरों की ‘निजी सेवाओं’ में हैं।उन्हें उनके असली काम पर लगाने का आदेश नये रेल मंत्री ने दिया है।पर क्या वह आदेश लागू हुआ ? कितना लागू हुआ ?
खबर है कि अनेक मामलों में लागू करने की खानापूरी भर हुई है।
क्या बाॅयोमेट्रिक हाजिरी के बिना ऐसे आदेश को लागू किया जा सकेगा ?
उसी तरह रेल मंत्री का ताजा निर्णय रेलवे बोर्ड के 90 अधिकारियों को
जोन-डिवीजन में भेजने का है।असल काम तो जोन और डिविजन में ही होता है।
उम्मीद है कि रेल मंत्री अपने इस निर्णय को जरूर लागू करेंगे।वैसे किसी मुख्यालय से कुछ बड़े अफसरों को उनकी इच्छा खिलाफ हटा देने का काम इस देश में आसान नहीं रहा है।
अच्छाई की ओर बढ़ते लग रहे हैं।
पर महत्वपूर्ण सवाल यह है कि जो निर्णय वह कर रहे हैं,उनका कार्यान्वयन कितना हो रहा है !
हाल में एक खबर आई थी कि करीब 50 हजार गैंगमैन बड़े रेल अफसरों की ‘निजी सेवाओं’ में हैं।उन्हें उनके असली काम पर लगाने का आदेश नये रेल मंत्री ने दिया है।पर क्या वह आदेश लागू हुआ ? कितना लागू हुआ ?
खबर है कि अनेक मामलों में लागू करने की खानापूरी भर हुई है।
क्या बाॅयोमेट्रिक हाजिरी के बिना ऐसे आदेश को लागू किया जा सकेगा ?
उसी तरह रेल मंत्री का ताजा निर्णय रेलवे बोर्ड के 90 अधिकारियों को
जोन-डिवीजन में भेजने का है।असल काम तो जोन और डिविजन में ही होता है।
उम्मीद है कि रेल मंत्री अपने इस निर्णय को जरूर लागू करेंगे।वैसे किसी मुख्यालय से कुछ बड़े अफसरों को उनकी इच्छा खिलाफ हटा देने का काम इस देश में आसान नहीं रहा है।
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