बुधवार, 12 सितंबर 2018

1.-तमिलनाडु की अन्ना द्रमुक सरकार ने राज्यपाल से राजीव गांधी हत्या के मामले में उम्र कैद की सजा काट रहे सभी  सात कैदियों को रिहा करने की सिफारिश की है।
  मेरी समझ से ऐसी रिहाई गलत संदेश देती है।
किसी पूर्व प्रधान मंत्री के हत्यारे राजनीतिक कारणों से  बचा लिए जाएंगे तो ऐसी राजनीतिक हत्याएं करने की योजना बना रहे लोगों का मनोबल बढ़ जाएगा।
2.-1948 में इस देश में जीप खरीद घोटाला हुआ था।जिस नेता पर उसका आरोप लगा,उसे बाद में केंद्रीय मंत्री बना दिया गया था।
वह गलत परंपरा थी।उससे भ्रष्टाचारियों को यह संदेश मिला कि उन्हें  चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।यहां मारने वालों से बड़ा बचाने वाला व्यक्ति उपलब्ध है।
3.-पचास के दशक में एक केंद्रीय मंत्री के पुत्र ने हत्या कर दी।
उस समय की केंद्र सरकार के एक प्रमुख मंत्री ने उस  मंत्री पुत्र को जेल से छुडव़ा कर उसके लिए पासपोर्ट बनवाया और उसे विदेश भिजवा दिया।
उससे कैसा संदेश गया ?
4.-डा.राम मनोहर लोहिया जैसी बड़ी हस्ती के प्रोस्टेट का दिल्ली के वेलिंगटन अस्पताल में 1967 में आपरेशन हुआ।
डाक्टरों की आपराधिक लापरवाही से उनकी मौत हो गयी।
मोरारजी देसाई सरकार के कार्यकाल में उस लापारवाही की जांच की रपट आई।जो डाक्टर दोषी पाया गया,वह एक बड़ी सत्ताधारी हस्ती का अत्यंत करीबी निकल गया।उसका कुछ नहीं बिगड़ा ।
5.-1967 की बिहार की महामाया प्रसाद सिन्हा  सरकार ने पिछली कांग्रेसी सरकार  के छह  पूर्व सत्ताधारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए अययर कमीशन बनाया। 1970 में पेश रपट मंे कमीशन ने सभी छह नेताओं को किसी न किसी मामले में दोषी पाया था।
पर जिन गैर कांग्रेसी दलों की सरकार ने  आयोग बनाया था,उनमें से कुछ प्रमुख दलों ने उन्हीं आरोपित नेताओं के दल के साथ मिल कर बिहार में 1970 में ही   सरकार बना ली। 
उन में से एक आरोपित को तो सरकारी पद भी दे दिया गया।
 वह गैर कांग्रेसी राजनीति की पहली नैतिक पराजय थी।
6.-1993 में सुप्रीम कोर्ट के जज रामास्वामी के खिलाफ संसद में महाभियोग प्रस्ताव आया।
पर राजनीतिक कारणों से मतदान में भाग नहीं लेकर कांगेस ने रामास्वामी को बचा लिया।उससे न्यायपालिका के बीच के भ्रष्ट तत्वों को कैसा संदेश मिला ?
7.- सन 1999 में आतंकवादियों ने विमान  का अपहण कर लिया।उन लोगों ने विमान यात्रियों को बंधक बना कर उनके बदले आतंक वादी मौलाना मसूद अजहर तथा दो अन्य आतंकवादियों को भारतीय जेल से रिहा करवा लिया।
अटल सरकार ने कहा कि विमान यात्रियों के ‘बहुमूल्य जीवन’ को बचाने के लिए ऐसा किया । पर दुनिया के कुछ देश ऐसा समझौता नहीं करते।उसका उन्हें लाभ भी मिलता है।
अजहर और अन्य दो आतंकवादियों ने रिहा होने के बाद न जाने कितने ‘बहुमूल्य जीवन’  को मारा और मरवाया।
  राजनीति में राजीव जैसे अपेक्षाकृत एक भले इनसान के हत्यारांे की रिहाई कोशिश की खबर के बीच पिछले सात दशक में किए गए इन  सात मुख्य ‘समझौतो’ं की याद आ गयी।आप ऐसे समझौतों की सूची लंबी भी कर सकते हैं।
 मैंने तो विभिन्न क्षेत्रों के नमूने भर दिए हैं।
जाहिर है कि इन ‘समझौतो’ं से देश में कानून का शासन लागू करने में दिक्कत आती रही है।जबकि, किसी गरीब देश के लिए कानून का शासन अत्यंत जरूरी होता है।




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