मंगलवार, 18 सितंबर 2018

गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कल देश की पश्चिमी सीमा पर दो हिस्सों में 11 किलो मीटर लेजर फेंस का समारंभ किया।
यह कंप्रहेंसिव इंट्रीग्रेटेड बोर्डर मैनेजमेंट सिस्टम है।देर आए दुरूस्त आए।
यह सिस्टम इजरायल में बहुत कारगर है।
सीमा पर  बाड़ लगाने का काम  आजादी के बाद से ही शुरू हो जाना चाहिए था क्योंकि तभी से पाकिस्तानी हमले व घुसपैठ शुरू हो चुके थे।
  पर तब की सरकार की राय थी कि बाड़ लगाने से विदेशों में भारत की छवि खराब हो जाएगी।@भले करोड़ों घुसपैठिए
भारत नामक धर्मशाला में घुस
कर इस देश को कचरा बना दे ? @
 इस राय का पता तब पता चला जब एक पूर्व विदेश सचिव ने कुछ दशक पहले टी.वी.डिबेट में ऐसा ही  तर्क पेश भी कर दिया।मैं वह डिबेट सुन रहा था।
  शिव सेना के एक सांसद व पचास के दशक में विदेश सेवा में गए एक रिटायर अफसर के बीच बहस  चल रही थी।
 शिव सेना के सांसद बंगला देश सीमा पर बाड़ की कमी की चर्चा कर रहे थे।
उस पर रिटायर अफसर ने कहा कि बाड़ नहीं लगाया जाना चाहिए।बाड़ लगाने से विदेशों में हमारी छवि खराब हो जाएगी।इस पर शिव सेना के नेता ने उनसे पूछा कि ‘आप भारत के विदेश सचिव थे या बंगला देश के ?’इस पर वे चुप हो गए थे।@ 18 सितंबर 2018@
  

कोई टिप्पणी नहीं: