पटना पुलिस घूस ले रही थी।छात्र धीरज शर्मा ने मोबाइल पर वीडियो बना लिया।
पुलिस ने धीरज की जम कर पिटाई कर दी।उल्टे उससे भी रिश्वत लेकर छोड़ा।कमाल का देश है अपना !
पर,धीरज ने वह काम किया जिसकी इस गरीब देश में आज सबसे अधिक जरूरत है।इन घूसखोरों के सामने इस देश के मुुख्य मंत्री-प्रधान मंत्री भी लाचार नजर आ रहे हैं।
पर, धीरज जैसे आम लोग तो लाचार नहीं हैं।
हर जिले में दस धीरज जैसे बहादुर युवा इस काम के लिए तैयार हो जाएं तो वे इस भ्रष्टाचारपीडि़त राज्य का भला करेंगे।
अधिकतर राजनीतिक कार्यकत्र्ता
तो कई कारणों से असमर्थ हैं।कई साल पहले ऐसा ही करने
के लिए मुख्य मंत्री नीतीश कुमार ने अपने दल के कार्यकत्र्ताओं से भी अपील की थी।बाद में उन्होंने आम लोगों से अपील की।
पर, मुख्य मंत्री की इस अपील के खिलाफ राज्य प्रशासनिक सेवा संघ ने प्रेस कांफ्रंेंस करके उस अपील का सख्त विरोध कर दिया।मामला ठंढा पड़ गया।
पर किसी धीरज को भला कौन रोक सकता है ?
हालांकि होशियारी इस बात में है कि पहले लाठी वालों से मत भिड़ो।
पहले बिना लाठी वाले भ्रष्टाचार के गिद्धों का स्टिंग आपरेशन करो।
संगठन बनाओ।ताकत बढ़ाओ।हर जिले में दस धीरज तैयार करो।
उसके बाद तो लाठी वालों से भी भिड़ सकते हो।अब तो गांवों में भी ‘हर हाथ’ में मोबाइल और स्मार्ट फोन हैं।
यदि स्टिंग आपरेशन के कारण सार्वजनिक धन को लूट में जाने से बचा लिया गया तो ‘हर हाथ को काम और हर खेत को पानी’ भी मिल सकते हंै।मोबाइल का इससे बेहतर उपयोग नहीं हो सकता है।
वैसे यहां यह बता दूं कि हर सरकारी कर्मचारी घूस ही नहीं वसूल रहे हैं।अनेक ईमानदारी से काम कर रहे हैं।इसलिए किसी ‘धीरज’ के ऐसे अभियान से उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है।
पुलिस ने धीरज की जम कर पिटाई कर दी।उल्टे उससे भी रिश्वत लेकर छोड़ा।कमाल का देश है अपना !
पर,धीरज ने वह काम किया जिसकी इस गरीब देश में आज सबसे अधिक जरूरत है।इन घूसखोरों के सामने इस देश के मुुख्य मंत्री-प्रधान मंत्री भी लाचार नजर आ रहे हैं।
पर, धीरज जैसे आम लोग तो लाचार नहीं हैं।
हर जिले में दस धीरज जैसे बहादुर युवा इस काम के लिए तैयार हो जाएं तो वे इस भ्रष्टाचारपीडि़त राज्य का भला करेंगे।
अधिकतर राजनीतिक कार्यकत्र्ता
तो कई कारणों से असमर्थ हैं।कई साल पहले ऐसा ही करने
के लिए मुख्य मंत्री नीतीश कुमार ने अपने दल के कार्यकत्र्ताओं से भी अपील की थी।बाद में उन्होंने आम लोगों से अपील की।
पर, मुख्य मंत्री की इस अपील के खिलाफ राज्य प्रशासनिक सेवा संघ ने प्रेस कांफ्रंेंस करके उस अपील का सख्त विरोध कर दिया।मामला ठंढा पड़ गया।
पर किसी धीरज को भला कौन रोक सकता है ?
हालांकि होशियारी इस बात में है कि पहले लाठी वालों से मत भिड़ो।
पहले बिना लाठी वाले भ्रष्टाचार के गिद्धों का स्टिंग आपरेशन करो।
संगठन बनाओ।ताकत बढ़ाओ।हर जिले में दस धीरज तैयार करो।
उसके बाद तो लाठी वालों से भी भिड़ सकते हो।अब तो गांवों में भी ‘हर हाथ’ में मोबाइल और स्मार्ट फोन हैं।
यदि स्टिंग आपरेशन के कारण सार्वजनिक धन को लूट में जाने से बचा लिया गया तो ‘हर हाथ को काम और हर खेत को पानी’ भी मिल सकते हंै।मोबाइल का इससे बेहतर उपयोग नहीं हो सकता है।
वैसे यहां यह बता दूं कि हर सरकारी कर्मचारी घूस ही नहीं वसूल रहे हैं।अनेक ईमानदारी से काम कर रहे हैं।इसलिए किसी ‘धीरज’ के ऐसे अभियान से उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें