सोमवार, 20 अप्रैल 2020

      एक अलगाव इस तरह का भी !!
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 इस देश में कोरोना वायरस फैलाने में ‘‘सिंगल श्रोत’’
का 30 प्रतिशत योगदान रहा है,
वह भी जानबूझकर।
  ‘‘योगदान’’अनजाने में रहा होता तो गुस्सा कम होता।
फिर भी, उस श्रोत के खिलाफ तथाकथित सेक्युलर दलों व बुद्धिजीवियों में से अधिकतर के रुख-रवैए से अधिकतर आम लोग क्षुब्ध नजर आ रहे हैं।
गांवों से लेकर शहरों तक जहां -तहां दुःख भरा गुस्सा देखा जा रहा है।
 विपत्ति लाने वालों के खिलाफ कुछ दलों-नेताओं ने मौन व्रत धारण किया तो कुछ अन्य ने ‘‘सिंगल श्रोत’’ का तरह -तरह के बहाने बनाकर बचाव किया।
  कुछ प्रेक्षक यह आशंका जाहिर कर रहे हैं कि कुछ खास दलों को उसका खामियाजा अगले चुनाव में भुगतना पड़ सकता है,यदि वे अपने रवैए पर तब तक कायम रहे ।
---सुरेंद्र किशोर--

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