सोमवार, 27 अप्रैल 2020

कुछ की गलतियों के लिए पूरे
समुदाय को बदनाम करना गलत
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पाकिस्तान इस्लामिक मेडिकल एसोसिएशन  
के अध्यक्ष डा.इफ्तिखार बर्नी ने कहा है कि पाक में 
मस्जिदें कोेरोना संक्रमण का प्रमुख स्रोत बन गई हैं।
-- दैनिक भास्कर, पटना, 27 अप्रैल 2020
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इस बयान के बाद क्या पाक में किसी ने कहा कि इफ्तिखार
नफरत फैला रहा है ?
नहीं कहा।
पर, भारत में तो लोग सिर्फ एक खास संगठन यानी तब्लीगी जमात के प्रमुख साद के विवादास्पद बयान की चर्चा 
करते हैं।
 उस बयान के परिणामस्वरूप उसके अनुयायियों की हरकतों का विवरण देते हैं।
यहां किसी ने कभी यह नहीं कहा कि मस्जिदें कोरोना फैला रही हैं।
बल्कि, अनेक मुस्लिम धार्मिक गुरुओं ने भी तब्लीगी जमात की हरकतों की निंदा की है और अपने घरों में ही नमाज पढ़ने की लोगों से अपील की है।
ऐसे में तो कोई पागल ही पूरी कौम को बदनाम करेगा।
  पर, मुस्लिम समुदाय के कुछ स्वार्थी लोग और बहुसंख्यक जमात के कुछ तथाकथित सेक्युलर लोग तब्लीगी जमात पर लगाए जा रहे आरोपों को पूरी कौम पर फैलाने की कोशिश रहे हैं।
वे आखिर किसका भला कर रहे हैं ?
 उन्हें अब तो संघ प्रमुख मोहन भागवत की ताजा टिप्पणी पर गौर करना चाहिए जिन्होंने कल कहा है कि 
‘‘कुछ विशेष लोगों की गलती के लिए पूरे समाज को आरोपित नहीं करना है।’’ 
   दरअसल हाल के वर्षों से इस देश के कुछ भ्रष्ट नेताओं ने एक परंपरा शुरू कर दी है।
जब वे किसी गंभीर आरोप में पकड़े जाते हैं तो आरोप लगा देते हैं कि हमारी जाति को बदनाम किया जा रहा है।
किसी भी जाति या समुदाय में न तो सारे लोग अच्छे होते हैं और न ही सारे लोग बुरे।
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---सुरेंद्र किशोर- 27 अप्रैल, 20 

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