महाभारत से सबक
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दूरदर्शन पर जारी धारावाहिक ‘महाभारत’ में आज की पीढ़ी
जल्द ही वह दृश्य देखेगी जब अंध पुत्र मोह के कारण
किस तरह धृतराष्ट्र अपना सब कुछ गंवा देता है।
अस्सी के दशक में यही धारावाहिक दिखाने का एक उद्देश्य यह भी था ताकि समकालीन लोकतंत्र के ‘‘राजा गण’’ उससे सबक ले सकें।
पर, ऐसा नहीं हो सका।
पुत्र मोह के अलावा भी उन्हें अन्य कई तरह के मोह ने भी ग्रस जो लिया था !
नतीजतन इस देश के कई ‘हस्तिनापुर’ बर्बाद हो गए।
अब जब एक बार फिर महाभारत की कहानी दूरदर्शन पर है तो कम से कम नई पीढ़ी के राज नेताओं के लिए अच्छा मौका है।
इस कहानी से वे तो सबक ले लें !
हालांकि देशहित में मेरी यह सदिच्छा मात्र है।
जिस तरह चीजें बर्बाद हो चुकी हैं,उससे अच्छाई की कोई उम्मीद नहीं की जा सकती।
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---सुरेंद्र किशोर --27 अप्रैल 20
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दूरदर्शन पर जारी धारावाहिक ‘महाभारत’ में आज की पीढ़ी
जल्द ही वह दृश्य देखेगी जब अंध पुत्र मोह के कारण
किस तरह धृतराष्ट्र अपना सब कुछ गंवा देता है।
अस्सी के दशक में यही धारावाहिक दिखाने का एक उद्देश्य यह भी था ताकि समकालीन लोकतंत्र के ‘‘राजा गण’’ उससे सबक ले सकें।
पर, ऐसा नहीं हो सका।
पुत्र मोह के अलावा भी उन्हें अन्य कई तरह के मोह ने भी ग्रस जो लिया था !
नतीजतन इस देश के कई ‘हस्तिनापुर’ बर्बाद हो गए।
अब जब एक बार फिर महाभारत की कहानी दूरदर्शन पर है तो कम से कम नई पीढ़ी के राज नेताओं के लिए अच्छा मौका है।
इस कहानी से वे तो सबक ले लें !
हालांकि देशहित में मेरी यह सदिच्छा मात्र है।
जिस तरह चीजें बर्बाद हो चुकी हैं,उससे अच्छाई की कोई उम्मीद नहीं की जा सकती।
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---सुरेंद्र किशोर --27 अप्रैल 20
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