बुधवार, 8 अप्रैल 2020

अन्य बातों के अलावा सांसद फंड ने वंशवाद-परिवारवाद  
को आगे बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
 अनेक चुनाव क्षेत्रों में अनेक राजनीतिक कार्यकत्र्ता, फंड के ठेकेदार भी हैं।
या यूं कहें कि फंड के ठेकेदार राजनीतिक कार्यकत्र्ता बन गए हैं।
जब अनेक सांसदों को इस रास्ते से तथाकथित ‘कार्यकत्र्ता’ मिल ही जाते हैं तो परंपरागत राजनीतिक कार्यकत्र्ताओं की जरुरत ही क्या है ?
जब वास्तविक राजनीतिक कार्यकत्र्ताओं की कमी हो जाएगी तो संासद के 
टिकट के प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवारों की संख्या भी घट जाएगी।
 फिर तो समय आने पर अपने वंश या परिजन को आगे बढ़ा देने में सांसदों को सुविधा हो जाएगी।
  ---सुरेंद्र किशोर -7 अप्रैल 2020

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