रविवार, 15 अप्रैल 2018

बिहार उप चुनाव नतीजों ने दिए राजग के लिए अच्छे संकेत


  यदि कोई गठबंधन आठ में से पांच विधान सभा सीटें जीत जाए तो उसे खुशी मनानी चाहिए या उसे खुश होना चाहिए जिसे उनमें से सिर्फ तीन ही सीटें मिलीं  ?
  बिहार में तो तीन सीटें जीतने वाला राजद  गठबंधन यानी महा गठबंधन खुशियां  मना रहा है।
अब इसे विस्तार से समझिए।
 राज्य में अररिया लोक सभा और भभुआ तथा जहानाबाद विधान सभा  क्षेत्रों के लिए 11 मार्च को  उप चुनाव हुए।
 राजद  अररिया और जहानाबाद सीटों पर काबिज रहा तो भाजपा ने अपनी भभुआ सीट बनाये रखी।
इससे पहले के आम चुनावों में यही स्थिति थी ।
यानी 2014 के लोक सभा चुनाव में अररिया से राजद के तसलीमुद्दीन विजयी हुए थे। 2015 के विधान सभा चुनाव में भभुआ
से भाजपा और जहानाबाद से राजद की जीत हुई थी ।
उप चुनाव के नतीजों को देखने से ऊपरी तौर से तो यही लगता है कि कोई गठबंधन फायदे या घाटे में नहीं रहा।
यानी दोनों की अपनी -अपनी सीटें बच गयीं।
पर उप चुनाव नतीजे के गहन अध्ययन से राजग को फायदा मिलता नजर आ रहा है।
 अररिया लोक सभा चुनाव क्षेत्र के भीतर छह विधान सभा क्षेत्र हैं।
उप चुनाव में छह में से चार सीटों पर राजग की बढ़त रही और सिर्फ दो सीटों पर राजद को बढ़त मिली।
इसमें भभुआ को मिला दें तो राजग  कुल पांच विधान सभा सीटों पर राजद से आगे रहा।
    एक सासंद और दो विधायकों के निधन के कारण बिहार की तीन सीटों पर उप चुनाव हुए थे।मृतक जन प्रतिनिधियों के परिजन ही तीनों क्षेत्रों में हुए उप चुनाव में  मैदान में थे।
उन्हें सहानुभूति मतों का लाभ भी मिला।ऐसे अवसरों पर अन्य परिजन उम्मीदवारों को पहले भी मिलता रहा है।
तीनों सीटों पर परिजनों की ही जीत हुई है।
   इस उप चुनाव में यह बात भी देखी गयी कि राजद के मुस्लिम -यादव समीकरण के मतों की एकजुटता पहले की अपेक्षा बढ गय़ी है।मतदान में आक्रामकता बढ़ी है।यानी अधिक से अधिक मतदाताओं को मतदान केंद्रों पर पहुंचाने की कोशिश राजद ने की।
अररिया लोक सभा और जहानाबाद विधान सभा चुनाव क्षेत्रों के  नतीजों  से  इस बात का संकेत मिल रहा है।जहानाबाद से 1985 में कांग्रेस से सैयद असगर हुसेन विजयी हुए थे।
यानी वहां मुसलमानों की भी उल्लेखनीय आबादी है।यादवों की अच्छी- खासी आबादी तो है ही।वहां से 2015 में राजद के मुन्द्रिका प्रसाद यादव विजयी हुए थे।उनके निधन से यह सीट खाली हुई।इस बार दिवंगत नेता के पुत्र राजद उम्मीदवार थे। 
  नरेंद्र मोदी की लहर के बावजूद सन 2014 के लोक सभा चुनाव में मुस्लिम-यादव  बहुल क्षेत्र अररिया से राजद के तसलीमुद्दीन विजयी हुए थे।
 इस बार तसलीमुद्दीन के पुत्र सरफराज आलम  राजद के उम्मीदवार थे।उप चुनाव में सरफराज विजयी रहे।
सरफराज हाल तक जदयू विधायक थे।उन्होंने विधान सभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया ।उसके बाद राजद की ओर अपने पिता की सीट पर उम्मीदवार बने।
अररिया लोक सभा क्षेत्र के भीतर पड़ने वाले जोकीहाट और अररिया विधान सभा चुनाव क्षेत्रों में राजद को भारी बढ़त मिली।
वहां के मतदाताओं ने आक्रामक ढंग से मतदान किया।
जोकी हाट में 70 प्रतिशत और अररिया में 59 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है।
अन्य चार विधान सभा खंडों में भाजपा के उम्मीदवार प्रदीप कमार सिंह को बढ़त मिली।याद रहे कि प्रदीप कुमार सिंह सन् 2009 में इस क्षेत्र से विजयी हुए थे।
    इसके अलावा भभुआ विधान सभा चुनाव क्षेत्र में 
भाजपा की जीत से राजग बिहार में चुनावी भविष्य के प्रति आशान्वित हो सकता है।क्योंकि वहां जातियों की दृष्टि से लगभग मिलीजुली  आबादी है।
 यानी भभुआ तथा अररिया लोक सभा चुनाव क्षेत्र के नीचे पड़ने वाले चार विधान सभा खंडों के चुनाव नतीजे को देखकर यह कहा जा सकता है कि बिहार की राजग सरकार से आम लोगों का अभी मोहभंग नहीं हुआ है।इसलिए कि ऐसी ही मिलीजुली आबादी वाले बिहार में अधिकतर विधान सभा क्षेत्र हैं।मिलीजुली आबादी यानी  जातीय दृष्टि से भी मिली जुली आबादी वाला चुनाव क्षेत्र । 
इस तरह लगता है कि कुल मिला कर  दलीय समीकरण बिहार में राजग के अब भी अनुकूल ही है।
  हां, राजद के वोट बैंक यानी एम.वार्इ. वर्चस्व वाले चुनाव  क्षेत्र  अररिया और जहानाबाद में राजद उम्मीदवारों के पहले की अपेक्षा बेहतर प्रदर्शन को लेकर तरह -तरह के अनुमान लगाए जा रहे हैं।क्या लालू प्रसाद के जेल जाने से  मतदाताओं के एक वर्ग में बढ़ी सहानुभूति के कारण उनके वोट बैंक में एकजुटता और आक्रामकता बढ़ी है ?
क्या दिवंगत जन प्रतिनिधियों के परिजन के लिए मतदाताओं में भारी सहानुभूति के कारण वोट बढ़े हैं ? या कोई और बात है ? क्या इसकी भी काट के लिए बिहार सरकार को सुशासन और विकास के अपने कार्यक्रम को और तेज करना पड़ेगा ?
क्या महिला आरक्षण विधेयक संसद से पास करवा कर राजग इसकी क्षतिपूत्र्ति करेगा ?
क्या मंडल आरक्षण के 27 प्रतिशत कोटे को तीन भाग में बांटना होगा ?
इन सवालों  पर राजग को मंथन करना ही पडेगा।
  टेबल
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अररिया लोक सभा क्षेत्र--उप चुनाव-2018
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                    राजग --- महागठबंधन
नरपत गंज--        88349 ---- 69697
रानी गंज ----     82004 ---- 66708
फरबिस गंज         93739 -----74498
सिकटी-------   87070 ----- 70400
जोकी हाट-----39517------120765
अररिया------56834 ----- 107260
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@पाक्षिक ‘यथावत’ में प्रकाशित मेरा लेख@ 

    

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