शुक्रवार, 27 अप्रैल 2018

एक आदर्श शिक्षक जंगल बाबा

सारण जिले के दिघवारा का जय गोविंद उच्च विद्यालय कोई गुरुकुल तो नहीं था,एक सामान्य स्कूल था,पर उसके शिक्षक राम जंगल सिंह गुरु जरूर थे।
 मैं 1959 से 1961 तक वहां का छात्र था। तब के वहां के प्रधानाध्यापक हरिहर बाबू भी बहुत योग्य व सम्मानित शिक्षक थे,पर राम जंगल बाबू जिन्हें हम लोग 
‘जंगल बाबा’ कहते थे,की अपनी अलग एक नैतिक सत्ता थी।

 जंगल बाबा वेश भूषा और पोशाक से लेकर विषयों की जानकारी तक नीचे से ऊपर तक गुरु दिखते थे।
  स्कूल के बरामदे पर उनके पैर  रखते ही हम विद्यार्थी जल्द अपनी- अपनी कक्षाओं में प्रवेश कर जाते थे और स्कूल का वातावरण बिलकुल शांत हो जाता था।
 वे एक तरह के स्कूल के अभिभावक ही थे। इलाके एक संपन्न व्यक्ति जय गोविंद पांडेय ने जंगल बाब की प्रेरणा सेे ही हाई स्कूल की स्थापना की। पांडेय जी की शत्र्त थी कि राम जंगल बाबू को भी शिक्षक और अभिभावक स्वरूप स्कूल में कार्यरत रहना पड़ेगा।
वे रहे भी।

हमारे जमाने में एक से एक योग्य शिक्षक उस स्कूल में थे। पर जंगल बाबा सबके गुरु थे।  किसी भी अन्य शिक्षक की अनुपस्थिति में कोई क्लास खाली नहीं जाता था। क्योंकि जंगल बाबा हर ताले की चाभी थें। वे हर विषय आसानी से पढ़ा लेते थे।

बी.एच.यू. के छात्र रहे जंगल बाबा दो साल तक इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी कर चुके थे। पर स्वास्थ्य खराब रहने के कारण वे आगे पढ़ाई नहीं कर सके थे।उन्हें दिघवारा लौटना पड़ा था।

सारण जिले के दिघवारा के मूल निवासी जंगल बाबा का जन्म 1902 में हुआ था और नवंबर, 1985 में निधन हो गया। पर जब तक जीवित रहे, उन्हें सब लोग सम्मान की नजरों से देखते थे। कभी किसी विवाद में नहीं रहे। उनके नाम पर इन दिनों राम जंगल सिंह इंटर कालेज दिघवारा में चलता है। जंगल बाबा के परिवार के सदस्य अशोक कुमार सिंह के अनुसार उन्हें राहुल सांकृत्यायन का भी सानिध्य मिला था।

जंगल बाबा ने छपरा स्थित राजपूत उच्च विद्यालय  से इंट्रेंस की परीक्षा प्रथम श्रेणी में पास की थी। उसके बाद काशी हिन्दू विश्व विद्यालय में दाखिला लिया।
जंगल बाबा वहां भरूचा छात्रावास में रहते थे जहां जगजीवन राम और जयप्रकाश नारायण के छोटे भाई राजेश्वर लाल इनकी मित्र मंडली में थे।

 आईएससी करने के बाद राम जंगल सिंह ने इंजीनियरिंग काॅलेज में दाखिला लिया। पर अचानक अस्वस्थ हो जाने के कारण पढ़ाई छोड़ देनी पड़ी।
चाहे गांधी की आंधी हो या जेपी का आंदोलन, जंगल बाबा ने लोगों की चेतना जगाने का काम किया।

मुझे गर्व है कि मैंने भी जय गोविंद विद्यालय में जंगल बाबा से शिक्षा पाई।उन्हें आटर््स व साइंस सभी विषयों में  समान रूप से महारत हासिल था।जंगल बाबा न सिर्फ एक आदर्श शिक्षक थे बल्कि उनका व्यक्तित्व भी आदर्श था। 
  

कोई टिप्पणी नहीं: