मंगलवार, 5 जून 2018

सरकारी रिश्वत -तंत्र पर अब तक का सबसे बड़ा हमला होगा !

कल्पना कीजिए कि जिला परिवहन कार्यालय का कोई दूत आपके दरवाजे पर जाकर कहे कि ‘लीजिए अपना ड्राइविंग लाइसेंस, जिसके लिए आपने आवेदन किया था।’ उस समय आपको कैसा लगेगा ?

जाहिर है कि उसे आपके घर आकर देना पड़ रहा है। ऐसी स्थिति में  रिश्वत की चर्चा नहीं होगी। अभी तो ऐसा माना ही जाना चाहिए। सरकार का उद्देश्य भी यही है। शायद आपको यह कल्पना लोक की बात लगेगी। पर दिल्ली सरकार ने इसी जुलाई से ऐसा ही करने का निर्णय किया है।

न सिर्फ ड्राइविंग लाइसेंस बल्कि इस तरह की 39 अन्य सरकारी सेवाएं आम लोगों के दरवाजे तक पहुंचेंगी। अगले फेज में अन्य सेवाएं भी इससे जुड़ेंगी। यदि सफल हुई तो यह पहल अन्य राज्यों के लिए नमूना बन सकती है।

अब देखना है कि इस निर्णय को दिल्ली सरकार कितनी सफलता से लागू करा पाएगी ! क्योंकि यह सरकारी रिश्वत -तंत्र पर अब तक का सबसे बड़ा हमला होगा। उस तंत्र के लोग इस देश में बहुत ताकतवर हैं। मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री से भी अधिक ताकतवर। 

यह प्रस्ताव जब केजरीवाल सरकार ने गत साल उप राज्यपाल को भेजा तो उन्होंने इस पर फिर से विचार करने के लिए कहा। कहा कि इनमें से 35 सेवाएं तो पहले से ही ऑनलाइन उपलब्ध हैं। पर राज्य सरकार ने दोबारा भेजा तो उन्होंने मंजूरी दे दी।

अब होम डिलवरी के लिए प्राइवेट पार्टी का चयन हो रहा है। फिलहाल जो सेवाएं मिलेंगी, उनमें जाति प्रमाण पत्र, जन्म, मृत्यु प्रमाण पत्र, विवाह निबंधन, आय, आवास प्रमाण और वृद्धावस्था पेंशन आदि। 

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