शनिवार, 30 जून 2018

विजय माल्या ने कहा है कि मैं धोखाधड़ी का पोस्टर 
ब्याय बन गया हूं।
 ऐसा कह कर वे अब कुछ लोगों की सहानुभूति हासिल करना चाहते हैं।पर शायद ही वह उन्हें मिले ।यदि वे भागे नहीं होते तो ऐसा कह सकते और संबंधित प्राधिकार के समक्ष खुद को 
निर्दोष साबित करने की कोशिश कर सकते थे।
पर वह मौका उन्होंने खुद अपने हाथ से निकल जाने दिया।शायद जानबूझकर।
उन्हें बाहरी देशों से कुछ अधिक उम्मीद थी।
एक गरीब देश का हजारों करोड़ रुपया कोई लेकर भाग जाए तो जनता या मीडिया उसके बारे में क्या सोचेेंगे ?
माल्या का एक प्रकरण कुछ साल पहले कुलदीप नैयर ने लिखा था।उस प्रकरण से भी माल्या की कोई अच्छी छवि नहीं बनती।तब वे राज्य सभा के सदस्य थे।कलुदीप नैयर भी उन दिनों राज्य सभा में थे।
परंपरा यह रही है कि जो सांसद जिस  बिजनेस से जुड़ा रहा हो,वह उससे संबधित मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समिति का  सदस्य नहीं बन सकता।
इसके बावजूद माल्या नागरिक विमानन मंत्रालय की संसदीय सलाहकार संमिति के सदस्य बन गए।उस समिति में राहुल गांधी और कुलदीप नैयर भी थे।
माल्या का प्रस्ताव था कि विमानों की स्वदेशी उड़ानों में भी शराब परोसने की छूट मिलनी चाहिए।
प्रस्ताव पास भी हो गया।
हालांकि उसे सरकार द्वारा माना नहीं गया।किंतु कुलदीप नैयर ने  माल्या की ऐसी पहल को बहुत खराब माना था।क्योंकि इससे संसदीय सलाहकार समिति की गरिमा कम होती थी।   
याद रहे कि माल्या शराब के व्यापार से भी जुड़े रहे।

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