‘आक्सीजन मूवमेंट’ के विनोद सिंह चीनी के खिलाफ अभियान चला ही रहे हैं। मैं आज नमक के बारे में कुछ लिखूंगा।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने गत साल एक अध्ययन रपट जारी की थी। विश्व स्वास्थ्य संगठन के हवाले से एसोसिएशन ने कहा था कि ‘भारतवासियों की अधिकतम सीमा प्रति दिन पांच ग्राम नमक खाने की है। पर वे दोगुनी मात्रा में नमक का सेवन करते हैं। इससे शरीर में सोडियम की मात्रा खतरनाक स्तर तक पहुंच जाती है।
इसका सीधा असर ब्लड प्रेशर पर पड़ता है। सोडियम की मात्रा बढ़ने से दिल की बीमारी, हृदयाघात और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। मोटापा और किडनी फेल होने की समस्या भी बढ़ जाती है।
घर की रसोई में मौजूद हिंग, काली मिर्च, जीरा, अदरख और लहसुन के इस्तेमाल को बढ़ाकर नमक के प्रयोग को कम किया जा सकता है।’
(मुझे यह लिखने का अधिकार भी है क्योंकि मैं आम तौर पर रात के भोजन में नमक का इस्तेमाल नहीं करता--यानी सिर्फ दूध-रोटी। अब तो आम का भी मौसम आ गया है।’)
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने गत साल एक अध्ययन रपट जारी की थी। विश्व स्वास्थ्य संगठन के हवाले से एसोसिएशन ने कहा था कि ‘भारतवासियों की अधिकतम सीमा प्रति दिन पांच ग्राम नमक खाने की है। पर वे दोगुनी मात्रा में नमक का सेवन करते हैं। इससे शरीर में सोडियम की मात्रा खतरनाक स्तर तक पहुंच जाती है।
इसका सीधा असर ब्लड प्रेशर पर पड़ता है। सोडियम की मात्रा बढ़ने से दिल की बीमारी, हृदयाघात और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। मोटापा और किडनी फेल होने की समस्या भी बढ़ जाती है।
घर की रसोई में मौजूद हिंग, काली मिर्च, जीरा, अदरख और लहसुन के इस्तेमाल को बढ़ाकर नमक के प्रयोग को कम किया जा सकता है।’
(मुझे यह लिखने का अधिकार भी है क्योंकि मैं आम तौर पर रात के भोजन में नमक का इस्तेमाल नहीं करता--यानी सिर्फ दूध-रोटी। अब तो आम का भी मौसम आ गया है।’)
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