हाल में पटना में पास से गुजर रहे एक व्यक्ति के बारे में मेरे परिचित ने मुझसे पूछा, ‘ आप जानते हैं इन्हें ? चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी जैसे तरह लग रहे थे। मैंने हवाई चप्पल पहने उस व्यक्ति के बारे में अनभिज्ञता जाहिर की।
उन्होंने उस हस्ती का नाम बताया। मैं चौंक गया। अच्छा तो यही हैं ?! इनका तो नब्बे के दशक में अपहरण हुआ था ! पर, आज इस स्थिति में क्यों ? सुना है कि अब तो शांतिपूर्वक अच्छा-खास कमा रहे हैं। यह तो बहुत ही अमीर व्यक्ति हैं ?
परिचित ने कहा कि अपहरण के बाद से ही दहशत में रहते हैं। अच्छे कपड़े पहनना और सजना- संवरना इन्होंने छोड़ दिया है। इनकी गाड़ी भी जर्जर जैसी ही लगती है। यह सब ऐहतियाती तौर पर करते हैं। शायद फिर किसी अपहरणकर्ता की उनपर नजर न पड़ जाए।
ऐसे कुछ अन्य धनपति भी हैं जो सबसे महंगी गाड़ी खरीद सकते हैं, पर आज भी मामूली सेकेंड हैंड कार पर चलते हैं।
इसे कहते हैं हैंगओवर ! ! !
उन्होंने उस हस्ती का नाम बताया। मैं चौंक गया। अच्छा तो यही हैं ?! इनका तो नब्बे के दशक में अपहरण हुआ था ! पर, आज इस स्थिति में क्यों ? सुना है कि अब तो शांतिपूर्वक अच्छा-खास कमा रहे हैं। यह तो बहुत ही अमीर व्यक्ति हैं ?
परिचित ने कहा कि अपहरण के बाद से ही दहशत में रहते हैं। अच्छे कपड़े पहनना और सजना- संवरना इन्होंने छोड़ दिया है। इनकी गाड़ी भी जर्जर जैसी ही लगती है। यह सब ऐहतियाती तौर पर करते हैं। शायद फिर किसी अपहरणकर्ता की उनपर नजर न पड़ जाए।
ऐसे कुछ अन्य धनपति भी हैं जो सबसे महंगी गाड़ी खरीद सकते हैं, पर आज भी मामूली सेकेंड हैंड कार पर चलते हैं।
इसे कहते हैं हैंगओवर ! ! !
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें