उत्तर प्रदेश में भाजपा की 2022 में
शुरू हुई नई परंपरा
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2023 के विधान सभा चुनावों में भी भाजपा नहीं
देगी अपने सांसदों के परिजनों को टिकट
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वंशवादी-परिवारवादी दलों से अलग दिखने
की नरेंद्र मोदी की कोशिश
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सुरेंद्र किशोर
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प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि हमने पांच राज्यों के गत चुनावों में किसी सांसद के परिजन को टिकट नहीं दिए।
यानी, उन्होंने 2022 से यह परंपरा शुरू की है।पहले ऐसा नहीं था।
राजनाथ सिंह के पुत्र पहली बार 2017 में ही विधायक बन गए थे।
उम्मीद है कि मोदी जी अपने नए स्टैंड पर अब कायम रहेंगे और 2023 के विधान सभा चुनावों में वे न किसी सांसद बल्कि किसी मंत्री या विधायक के परिजन को भी टिकट नहीं देंगे।
मध्यप्रदेश और राजस्थान सहित करीब आधा दर्जन प्रदेशों में 2023 में विधान सभा चुनाव होने वाले हैं।
खबर है कि इन राज्यों के परिवारवादी भाजपा नेता अभी से चिंतित किंतु सतर्क हो गए हैं।
उन्हें लगता है कि मोदी उत्तर प्रदेश की कहानी जरूर दुहराएंगे और उनके परिजन टिकट से वंचित रह जाएंगे।
बेहतर हो,वे ऐसे दलों से अपने परिजन के लिए टिकट का जुगाड़ कर लें जिनके लिए परिवारवाद-वंशवाद कोई गंदा शब्द नहीं है।बल्कि राजनीति की सामान्य प्रक्रिया है।
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