झुक कर नमस्कार करने का राज
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पिछले महीने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने सिर्फ डा.राममनोहर लोहिया,जार्ज फर्नांडिस और नीतीश कुमार को ‘सच्चा समाजवादी’ कहा था।
कल नीतीश कुमार ने लखनऊ में प्रधान मंत्री को कुछ अधिक ही झुक कर नमस्कार किया।
मुझे लगता है कि मुख्य मंत्री ‘सच्चा समाजवादी’ कहने के कारण मोदी जी के प्रति उस मुद्रा के जरिए विशेष आभार व्यक्त कर रहे थे।
लोहिया और जार्ज तो अब इस दुनिया में नहीं हैं।
यानी,प्रधान मंत्री के अनुसार, जीवित नेताओं में नीतीश कुमार एकमात्र सच्चे समाजवादी हैं।
मोदी जी ने हालांकि सच्चे समाजवादी का एक ही लक्षण बताया था।
--यह कि लोहिया,जार्ज और नीतीश के परिवार का कोई भी व्यक्ति राजनीति में नहीं है।
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सचमुच किसी बड़े नेता के लिए यह बड़ा मुश्किल काम होता है कि वे कैसे अपने बाल -बच्चों को राजनीति में आने से रोकें।
रोकने की केशिश में एक बड़े नेता को अपनी जान गंवाते मैंने देखा-जाना है।
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डा.श्रीकृष्ण सिंह और कर्पूरी ठाकुर ने तो कह दिया था कि यदि मेरे पुत्र को टिकट देना है तो मैं खुद चुनाव नहीं लड़ूंगा।
आज के बेटे होते तो वे कह देते कि ‘‘ठीक है पिता जी, अब आप आराम कीजिए।’’
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उन बेटों को धन्यवाद कीजिए जिन बेटों ने तब बाप का मान रख लिया था।
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शिवनाथ काटजू नामक पुत्र ने भी अपने पिता कैलाशनाथ काटजू का मान रख लिया था।
बात तब की है जब कैलाशनाथ काटजू पश्चिम बंगाल के गवर्नर थे।
वहां के एक बड़े व्यवसायी ने शिवनाथ काटजू को अपना कानूनी सलाहकार बनाने का प्रस्ताव किया।
पुत्र ने खुशी होकर अपने पिता को सूचित किया।
गवर्नर साहब ने जवाब दिया,बड़ी खुशी की बात है कि तुम इतने योग्य हो गये हो।तुम्हारी तरक्की पर मैं खुश हूं।
किंतु योगदान करने से पहले मुझे कुछ समय दो ताकि मैं राज्यपाल पद से इस्तीफा दे दूं।
उसके बाद तुम कानूनी सलाहकार बन जाना।
बेटा ने पिता का मान रखते हुए कह दिया मैं वह पद स्वीकार नहीं करूंगा।
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26 मार्च 22
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