रविवार, 27 मार्च 2022

 कलयुग या कल -पुर्जा युग ?

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सुरेंद्र किशोर

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सतयुग,

त्रेता,

द्वापर

और अब कलयुग।

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कलयुग के बाद क्या ?

या, फिर कलयुग के साथ क्या-क्या  ?

कलयुग में क्या ?

कल-पुर्जा युग ??

नहीं,

स्मार्ट फोन युग

हां,

यह भी विशेष तरह का कल- पुर्जा ही तो है 

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गांव से लेकर शहर तक, खेत से खलिहान तक ,जहां भी नजर दौड़ाइए -- लोग स्मार्ट फोन में अटके पड़े हैं।

एक ही तरह की इतनी अधिक चीजें, इतने अधिक लोगों के हाथों में इससे पहले कभी आपने देखा जितनी संख्या में स्मार्ट फोन आज आप देख रहे हैं ?

नहीं ।

अब कुछ लोग अपने अतिथियों को यह कहने की हिम्मत जुटा रहे हैं कि भई, जब भी मेरे यहां आइए,स्मार्ट फोन अपने घर पर ही छोड़ आइए।

अपने साथ सिर्फ पुश बटन मोबाइल सेट ला सकते हैं।

   क्या ऐसा कहने की हिम्मत आप भी अपने अतिथियों से करेंगे ?

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26 मार्च 22

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पुनश्चः

मौजूदा पीढ़ी पर स्मार्ट फोन के भयंकर परिणामों के बारे में विशेषज्ञ लोग अपनी माथापच्ची करते रहें,चेतावनी देते रहें ,कोई कुछ सुनने-मानने वाला नहीं है ।

   रूस के पुतिन की आत्मा उन लोगों में पहले ही समा चुकी है !!!

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26 मार्च 22

 


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