सोमवार, 21 मार्च 2022

    23 मार्च डा.लोहिया का जन्म दिन है

  .......................................

आज देश के कई नेतागण डा.राममनोहर लोहिया का बहुत नाम लेते रहते हैं।

इन नेताओं ने लोहिया के नाम पर स्मारक भी बनवाए हैं।

इन नेताओं में अत्यंत थोड़े से नेता ही हैं जो लोहिया का नाम लेने लायक हैं।

अधिकतर नेतागण लोहिया के राजनीतिक व जीवन मूल्यों के ठीक विपरीत काम करते रहते हैं।

यदि लोहिया आज जीवित होते तो ऐसे नेताओं से मिलने से भी इनकार कर देते।

इससे नई पीढ़ी को कई बार यह गलतफहमी हो जाती है कि क्या लोहिया भी आज के इन भ्रष्ट-वंशवादी-परिवारवादी नेताओं जैसे ही थे जो आज लोहिया के नाम का तोता रटंत करते रहते हैं ?

...............................

इस गलतफहमी को दूर करने के लिए लोहिया साहित्य पढ़ने-पढ़ाने की आज जरूरत अधिक है।

जिन्हें वास्तविक समाजवादी आंदोलन में रूचि है,वे जरूर पढ़ंे।

  पर, कहां से लेकर पढ़ें ?

बाजार में कुछ लोहिया साहित्य उपलब्ध जरूर हैं,पर वह काफी महंगा है।

....................................

मध्य प्रदेश के पूर्व विधायक रमाशंकर सिंह ने अपने आई टी एम विश्व विद्यालय (ग्वालियर) के जरिए लोहिया साहित्य प्रकाशित किए हैं।

  विद्यार्थियों के लिए पुस्तकों की कम कीमत रखी गई है।

जिन्हें रूचि हो,वे वहां से मंगा सकते हैं।

...............................

प्रकाशक का पता है-

पत्रकारिता एवं जन संचार विभाग ,

आई.टी.एम.यूनिवर्सिटी

ग्वालियर

मध्य प्रदेश

.........................

सुरेंद्र किशोर

21 मार्च 22


कोई टिप्पणी नहीं: