ग्रामीणों ने तो सड़क का आकार दे दिया
शासन अब इसे बेहतर ‘मोटरेबल’ बनाए
......................................
सुरेंद्र किशोर
............................
यह पटना एम्स के पास के मेरे गांव की कहानी है।
इसे आज के दैनिक भास्कर,पटना ने प्रकाशित किया है।
फुलवारीशरीफ अंचल की भुसौला दानापुर ग्राम पंचायत में एक गांव है--कोरजी।(कुर्जी नहीं)
कोरजी से करीब एक किलोमीटर दूर स्थित है नेशनल हाईवे।
इसी नेशनल हाईवे पर थोड़ी ही दूरी पर पटना एम्स अवस्थित है।
किंतु वहां पहुंचने के लिए लोगों को पहले घुमावदार राह अपनानी पड़ती थी।
कुछ साल पहले कोरजी के ग्रामीणों ने तय किया कि हम जमीन और चंदा देकर सड़क बनाएंगे।
चंदा देने वालों में इन पंक्तियों का लेखक भी था।
कोरजी गांव के विद्यानंद शर्मा तथा अन्य 20 किसानों ने सड़क के लिए अपनी जमीन मुफ्त में दे दी।
सड़क तो बन गई है।
पर,इसे बेहतर मोटरेबल बनाने की अभी जरूरत है।
शायद भास्कर में छपी इस खबर के बाद किसी हुक्मरान की नजर इस पर और इस सड़क को बेहतर बनाने का कोई उपाय हो।
इससे अन्य स्थानों के वैसे लोगों को भी प्रोत्साहन मिलेगा जो लोग अपने प्रयास से सार्वजनिक काम करना चाहते हैं या करते हैं।
----
11 मार्च 22
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें