कौन हारा, कौन जीता ?
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गत पश्चिम बंगाल विधान सभा चुनाव में भाजपा की विधान सभा की सीटें 3 से बढ़कर 77 हो गईं ।
फिर भी इस देश के खास तरह के बुद्धिजीवियों-पत्रकारों-नेताओं ने कहा कि भाजपा बंगाल में बुरी तरह हार गई।
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उत्तर प्रदेश चुनाव में सपा अपनी पिछली सीटों की अपेक्षा तिगुनी सीटें पा गईं।
77 में तीन से भाग दीजिए।
कितना आएगा ?
तिगुना से कितना अधिक है ?
पर, कोई ‘सेक्युलर’ या ‘गैर सेक्युलर’ यह नहीं कह रहा है कि सपा बुरी तरह हार गई।
बल्कि यह कहा जा रहा है कि अखिलेश बहादुरी से लड़े।
तब सेक्युलर ब्रिगेड की ओर से यह नहीं कहा गया कि ममता के ‘जंगल राज’ के बावजूद भाजपा बहादुरी से लड़ी।
याद रहे कि चुनाव आयोग के एक अफसर ने तब कहा था कि पश्चिम बंगाल में नब्बे के दशक के बिहार जैसा ‘जंगल राज’ है।
बंगाल में जिस तरह भाजपा सत्ता में आने का दावा कर रही थी,उसी तरह का दावा सपा उत्तर प्रदेश में कर रही थी।
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सुरेंद्र किशोर
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