स्टेप्स आॅफ डेस्टिनी
(यानी नियति के डेग)
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इसी नाम से एक संस्मरणात्मक पुस्तक आने वाली है।
अभी कलमबद्ध, साॅरी कम्प्यूटरबद्ध हो रही है।
लेखक हैं अवकाशप्राप्त आई.ए.एस.अधिकारी राम उपदेश सिंह विदेह।
राम उपदेश बाबू, जो किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं,कई पुस्तकों के लेखक हैं।
उनकी अगली पुस्तक संस्मरणात्मक होगी।
यानी,प्रशासन व राजनीति से जुड़े उनके संस्मरण।
यदि ऐसी हस्तियों की संस्मरणात्मक पुस्तक आए तो वह किताब अफवाहों के कुछ बादलों को भी छांटेंगी।
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डा.विजय राणा बी बी सी से जुड़े रहे।
अब लंदन में रहते हैं।
कल ही उनसे बातें हो रही थीं।
उन्होंने बताया कि ब्रिटेन में तो अपने मुहल्लों के इतिहास-भूगोल के विवरण भी लोग लिखते रहते हैं।
भारत में तो बड़ी -बड़ी बातें जानने वाले अधिकतर लोग भी अपने संस्मरण लिखने में संकोच करते हैं।
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खुशी की बात है कि ‘स्टेप्स आॅफ डेस्टिनी’ के जरिए हम बिहार की ब्यूरोके्रसी और राजनीति के बारे में संभवतः कई ऐसी बातें जान पाएंगे जो अन्यथा नहीं जान पाते।
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सुरेंद्र किशोर
31 मार्च 22
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