‘प्रभात खबर’ ने पटना के विभिन्न मुहल्लों की बदहाली पर
इन दिनों एक अच्छा अभियान चला रखा है।
इस प्रादेशिक राजधानी मेें नये मुहल्ले तो बसे हैं, बसते जा रहे हैं,पर उनमें बुनियादी नागरिक सुविधाओं का घोर अभाव है।
यह समस्या बढ़ कर एक दिन भारी संकट पैदा करेगी।
इस दुर्दशा को देखते हुए राज्य सरकार की जिम्मेदारी बढ़
जाती है।
बिहार आवास बोर्ड को चाहिए कि वह पटना सहित राज्य
के नगरों के आसपास जमीन का अधिग्रहण कर सुनियोजित ढ़ंग से उसे विकसित करे।सड़क, नाला, स्कूल, अस्पाल आदि के लिए जगह पहले से सुनिश्चित करे।
फिर बोर्ड वहां प्लाॅट बना कर आम लोगों को बेचे।
यदि अब भी वह ऐसा नहीं करेगी तो पटना के महा नगर बनने के बदले यहां महा नरक का विस्तार होता जाएगा।
याद रहे कि जिस तरह राज्य सरकार ने हाल में सरकारी जमीन पर कब्जा करने वालों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है,उससे यह साफ है कि आगे भी राज्य सकार कहीं कोई किसी जमीन का अधिग्रहण करेगी तो वहां जबरन कब्जा करने से पहले लोग सौ बार सोचेंगे।
@10 जनवरी 2018@
इन दिनों एक अच्छा अभियान चला रखा है।
इस प्रादेशिक राजधानी मेें नये मुहल्ले तो बसे हैं, बसते जा रहे हैं,पर उनमें बुनियादी नागरिक सुविधाओं का घोर अभाव है।
यह समस्या बढ़ कर एक दिन भारी संकट पैदा करेगी।
इस दुर्दशा को देखते हुए राज्य सरकार की जिम्मेदारी बढ़
जाती है।
बिहार आवास बोर्ड को चाहिए कि वह पटना सहित राज्य
के नगरों के आसपास जमीन का अधिग्रहण कर सुनियोजित ढ़ंग से उसे विकसित करे।सड़क, नाला, स्कूल, अस्पाल आदि के लिए जगह पहले से सुनिश्चित करे।
फिर बोर्ड वहां प्लाॅट बना कर आम लोगों को बेचे।
यदि अब भी वह ऐसा नहीं करेगी तो पटना के महा नगर बनने के बदले यहां महा नरक का विस्तार होता जाएगा।
याद रहे कि जिस तरह राज्य सरकार ने हाल में सरकारी जमीन पर कब्जा करने वालों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है,उससे यह साफ है कि आगे भी राज्य सकार कहीं कोई किसी जमीन का अधिग्रहण करेगी तो वहां जबरन कब्जा करने से पहले लोग सौ बार सोचेंगे।
@10 जनवरी 2018@
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