सन 1962 से पहले चीन के असली इरादों के बारे में
प्रधान मंत्री जवाहर लाल नेहरू भारी गलतफहमी में थे।
उस गलतफहमी का भारी खामियाजा इस देश को भुगतना
पड़ा था।
आज सी ए ए -एन.पी.आर.-एन.आर.सी. के खिलाफ देसी-विदेशी मदद से
पी,एफ.आई. की ओर से जारी हिंसक-अहिंसक आंदोलन के असली इरादों के बारे में
इस देश के अनेक
लोगों व संगठनों को भारी गलतफहमी है।
या फिर उनमें से या तो कुछ लोग अनजान हैं या फिर बेईमान।
इसका भी खामियाजा यह देश न भुगते ,इसका इंतजाम
समय रहते कैसे होगा ?
कौन करेगा ?
यह एक यक्ष प्रश्न है।
--सुरेंद्र किशोर
8 मार्च 2020
प्रधान मंत्री जवाहर लाल नेहरू भारी गलतफहमी में थे।
उस गलतफहमी का भारी खामियाजा इस देश को भुगतना
पड़ा था।
आज सी ए ए -एन.पी.आर.-एन.आर.सी. के खिलाफ देसी-विदेशी मदद से
पी,एफ.आई. की ओर से जारी हिंसक-अहिंसक आंदोलन के असली इरादों के बारे में
इस देश के अनेक
लोगों व संगठनों को भारी गलतफहमी है।
या फिर उनमें से या तो कुछ लोग अनजान हैं या फिर बेईमान।
इसका भी खामियाजा यह देश न भुगते ,इसका इंतजाम
समय रहते कैसे होगा ?
कौन करेगा ?
यह एक यक्ष प्रश्न है।
--सुरेंद्र किशोर
8 मार्च 2020
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