‘‘जब बांग्लादेश में हिंदू पर हमला होता है तो कोई मुस्लिम ही उन्हें पनाह देता है।
वहीं भारत में किसी मुसलमान पर हमले की स्थिति में हिंदू और
सिख ही उसे बचाने के लिए आगे आते हैं।
मैं आशा करती हूं कि ऐसे उदार लोगों की संख्या बढ़े और यह नफरती लोगों के आंकड़ों को पार कर जाए।’’
---तसलीमा नसरीन
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‘‘सी. ए. ए. में मुसलमानों को न जोड़ने को लेकर सवाल उठाने वाले पाकिस्तानियों से पूछना चाहता हूं कि क्या वे चाहते हैं कि मुसलमान पाकिस्तान छोड़ दें ?
अगर ऐसा है तो फिर पाक का वजूद और उसका मकसद ही खत्म हो
जाएगा।
दूसरा सवाल यही कि अगर भारतीय मुसलमानों की इतनी फिक्र है तो क्या उनके लिए अपनी सीमाएं खोल दोगे ?’’
--अदनान सामी
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वहीं भारत में किसी मुसलमान पर हमले की स्थिति में हिंदू और
सिख ही उसे बचाने के लिए आगे आते हैं।
मैं आशा करती हूं कि ऐसे उदार लोगों की संख्या बढ़े और यह नफरती लोगों के आंकड़ों को पार कर जाए।’’
---तसलीमा नसरीन
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‘‘सी. ए. ए. में मुसलमानों को न जोड़ने को लेकर सवाल उठाने वाले पाकिस्तानियों से पूछना चाहता हूं कि क्या वे चाहते हैं कि मुसलमान पाकिस्तान छोड़ दें ?
अगर ऐसा है तो फिर पाक का वजूद और उसका मकसद ही खत्म हो
जाएगा।
दूसरा सवाल यही कि अगर भारतीय मुसलमानों की इतनी फिक्र है तो क्या उनके लिए अपनी सीमाएं खोल दोगे ?’’
--अदनान सामी
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