गांव में अनाज पहंुचाने के क्रम में ट्रक ने हमारे इलाके
के टी.वी.केबल को आज तोड़ दिया।
उसकी मरम्मत के लिए पटना से तकनीशियन को
फुलवारी शरीफ अंचल स्थित गांव कोरजी-मोहम्मदपुर पहुंचना है।
केबल आपरेटर ने बताया कि तकनीशियन को लाॅकडाउन के कारण पुलिस शहर से गांव जाने नहीं दे रही है।
नतीजतन हमारे इलाके के लोगबाग केंद्रीय वित्त मंत्री की घोषणाओं को आज दोपहर नहीं सुन सके।
जबकि प्रधान मंत्री चाहते हैं कि संचार माध्यमों के जरिए
सरकार का पक्ष जनता तक पहुंचता रहे ताकि अफवाहों को बल न मिले।
इसलिए स्थानीय प्रशासन को चाहिए कि मीडिया के पत्रकारीय और गैर पत्रकारीय कामों से जुड़े लोगों की आवाजाही को न रोके।
इस बीच यह भी खबर मिल रही है कि दूरदर्शन पर रामायण -रामानंद सागर -और महा भारत -बी.आर.चोपड़ा धारावाहिकों के तुरंत पुनर्प्रसारण शुरू किए जाने की योजना बन रही है ताकि 21 दिनों वाली आपत्बंदी में लोगबाग बोर न हों।
कल्पना कीजिए कि रामायण धारावाहिक के दौरान
कोई केबल टूट जाए तो क्या होगा ?
क्या तब वे लोग सड़कों पर नहीं आ जाएंगे जो सरकार की सलाह पर अभी घरों में हैं ?
जब पहली बार यह धारावाहिक प्रसारित हो रहा था तो उतने समय तक सड़कों पर कफ्र्यू जैसा दृश्य होता था।
................................
----सुरेंद्र किशोर--26 मार्च 2020
के टी.वी.केबल को आज तोड़ दिया।
उसकी मरम्मत के लिए पटना से तकनीशियन को
फुलवारी शरीफ अंचल स्थित गांव कोरजी-मोहम्मदपुर पहुंचना है।
केबल आपरेटर ने बताया कि तकनीशियन को लाॅकडाउन के कारण पुलिस शहर से गांव जाने नहीं दे रही है।
नतीजतन हमारे इलाके के लोगबाग केंद्रीय वित्त मंत्री की घोषणाओं को आज दोपहर नहीं सुन सके।
जबकि प्रधान मंत्री चाहते हैं कि संचार माध्यमों के जरिए
सरकार का पक्ष जनता तक पहुंचता रहे ताकि अफवाहों को बल न मिले।
इसलिए स्थानीय प्रशासन को चाहिए कि मीडिया के पत्रकारीय और गैर पत्रकारीय कामों से जुड़े लोगों की आवाजाही को न रोके।
इस बीच यह भी खबर मिल रही है कि दूरदर्शन पर रामायण -रामानंद सागर -और महा भारत -बी.आर.चोपड़ा धारावाहिकों के तुरंत पुनर्प्रसारण शुरू किए जाने की योजना बन रही है ताकि 21 दिनों वाली आपत्बंदी में लोगबाग बोर न हों।
कल्पना कीजिए कि रामायण धारावाहिक के दौरान
कोई केबल टूट जाए तो क्या होगा ?
क्या तब वे लोग सड़कों पर नहीं आ जाएंगे जो सरकार की सलाह पर अभी घरों में हैं ?
जब पहली बार यह धारावाहिक प्रसारित हो रहा था तो उतने समय तक सड़कों पर कफ्र्यू जैसा दृश्य होता था।
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----सुरेंद्र किशोर--26 मार्च 2020
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