सोमवार, 26 अक्तूबर 2020

   गठबंधन सरकारों की मजबूरियां होती हैं भ्रष्टाचार-घोटाला-महा घोटालों की अनदेखी

   ----------------------

इस देश-प्रदेश के कुछ लोगों को मनमोहन सिंह जैसे प्रधान मंत्री और मधु कोड़ा जैसे मुख्य मंत्री बहुत पसंद आते हैं।

वैसी सरकारों में हर तरह की छूट जो रहती है !

  बिहार के वैसे लोग इन दिनों इस प्रदेश में भी सिंह या कोड़ा जैसी सरकार बनवाने के प्रयास में रात-दिन लगे हुए हैं।

देखना है कि वे सफल होते हैं या नहीं।

सफलता की उम्मीद तो कम है।

  याद रहे कि मनमोहन सिंह की सरकार के कुछ मंत्रियों पर महा घोटाले के आरोप लगते रहते  थे।

फिर भी वे मौन रह जाते थे।

  बहुत कुरदने पर सरदार जी ने सन 2011 में कहा था कि 

‘‘ये गठबंधन सरकारों की मजबूरियां हैं।’’

   न तो कोई व्यक्ति पूर्ण है और न ही कोई दल।

कोई सरकार भी 24 कैरेट का सोना कत्तई नहीं हो सकती है।

इसीलिए चुनावों में इस देश के अधिकतर लोग हर पांच साल पर ‘बदतर’ की जगह ‘बेहतर’ को चुन लेते रहे हैं।

   पर, इस बार कुछ लोग उल्टी गंगा बहवाना चाहते हैं।

                     ---पारदर्शी

                    सन  2020


कोई टिप्पणी नहीं: