रविवार, 4 अक्तूबर 2020

   पटना में नागरिक सुविधाएं उपलब्ध

  कराने और टैक्स वसूलने का भार केंद्र 

  सरकार की किसी नवरत्न कंपनी को 

  सौंप दिया जाना चाहिए।

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ग्राम पंचायतों की तरह नगर निगम भी फेल

भ्रष्टाचार मुख्य कारण

ग्राम स्वराज की महात्मा गांधी की कल्पना को भ्रष्टों 

ने विफल कर दिया

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--सुरेंद्र किशोर--

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नागरिक सुविधाओं के मामले में पटना की नारकीय स्थिति

रही है।

पिछले साल तो जलप्लावन से पटनावासी बेहाल रहे।

 इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए मैंने गत साल 

यह सलाह दी थी कि पटना नगर में नागरिक सुविधाओं की देखरेख का भार केंद्र सरकार की किसी नवरत्न कंपनी को सौंप दिया जाना चाहिए।

 जमशेद पुर में नागरिक सुविधाएं उपलब्ध करने का काम टाटा कंपनी करती है।

   पुराने लोहियावादी समाजवादी नेता और सामाजिक कार्यकत्र्ता रवींद्रनाथ चैबे का एक लेख हाल में प्रभात

खबर के जमशेद पुर संस्करण में पढ़ा।

उन्होंने लेख में जमशेद पुर और पास के आदित्यपुर की तुलना की है।याद रहे कि चैबे जी ईमानदार नेता हैं।

चैबे जी ने लिखा है कि जमशेदपुर स्वच्छ नगर है।

जबकि आदित्यपुर की स्थिति नारकीय है।

आदित्यपुर में उसी तरह नगर निगम कार्यरत है जिस 

तरह पटना में।

पिछले दिनों मैंने पटना के एक मुहल्ले में नगर निगम द्वारा निर्माणधीन सड़क को देखा था।

सड़क एक तरफ से बन रही थी और दूसरी तरफ से टूट रही थी।

स्थानीय लोगों ने बताया कि समय के साथ नजराना-शुकराना की दरें बढ़ती ही जा रही हैं।

  इस परिस्थिति में रवींद्रनाथ चैबे का लेख पठनीय और

विचारणीय है।

लेख यहां प्रस्तुत है।

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सुरेंद्र किशोर-2 अक्तूबर 20

     


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