सोमवार, 30 जनवरी 2023

   चुनावी आंकड़ों के जानकार प्रशांत किशोर ने जातिगत जन गणना का विरोध कर दिया है।

साथ ही, उन्होंने इस गणना के पीछे की मंशा पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि ‘‘समाज को जातीय गुटांें में बांटने की तैयारी है।’’

 मेरी समझ से ऐसा कहकर प्रशांत किशोर ने बिहार की 52 प्रतिशत आबादी से खुद को काट लिया है।

  इस राज्य में पिछड़ों की आबादी, कुल आबादी का 52 प्रतिशत है।

 मुझे तो पिछड़ी जाति का कोई ऐसा व्यक्ति नहीं मिला जो जातिगत गणना का विरोध कर रहा हो।

क्या प्रशांत किशोर की उनकी बिहार यात्रा के दौरान पिछड़ी जाति का कोई ऐसा व्यक्ति उन्हें मिला ?

बिहार में राजनीति करने के लिए पहले यहां की सामाजिक स्थिति को समझना होगा।

सिर्फ चुनावी आंकड़ों का विशेषज्ञ होने से काम नहीं चलेगा।

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सुरेंद्र किशोर

27 जनवरी 23


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