आज का चिंतन
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देश की राजनीति,कल,आज और कल !!
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--सुरेंद्र किशोर-
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सन 2014 में नरेंद्र मोदी की जीत के क्या-क्या कारण बने थे ?
उसके लिए कौन से तत्व जिम्मेदार थे ?
मेरी समझ से उस जीत में यू.पी.ए.सरकार की खामियों का योगदान 60 प्रतिशत था।
जीत में 40 प्रतिशत ही योगदान नरेंद्र मोदी व राजग की खूबियों का था।
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2019 लोस चुनाव में भी स्थिति लगभग वही बनी रही।
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आज भी लगभग वही स्थिति है जबकि 2024 का चुनाव कुछ ही महीने दूर है।
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अगले कुछ महीनों में मोदी विरोधी दलों ने यदि अपना चाल,चरित्र और चिंतन नहीं बदला तो सन 2024 में भी वही रिजल्ट आने वाला है।
रवैया कैसे बदला जा सकता है,उस पर फिर कभी बाद में लिखूंगा।
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लेकिन यदि मोदी सन 2024 में फिर सत्ता में आ गए तो प्रतिपक्ष का क्या होगा ?
खास कर उन छोटे -बड़े दर्जनों प्रतिपक्षी नेताओं का क्या होगा जिन पर देश की विभिन्न अदालतों में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों में मुकदमे चल रहे हैं ?
2024 चुनाव से पहले कई अन्य प्रतिपक्षी नेताओं के खिलाफ भी मुकदमे शुरू हो सकते हैं।
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यदि मोदी की 2024 में भी विजय हुई तो 2024 और 2029 के बीच क्या -क्या होगा ?
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प्रतिपक्षी दलों के अधिकतर नेताओं के खिलाफ मुकदमों में कम से कम लोअर कोर्ट्स से तो फैसले आ ही चुके होंगे।
सबूत देखने के बाद उन नेताओं को इन दिनों अदालतंे कोई खास राहत नहीं दे रही हैं।
इसलिए अंतिम नतीजों का भी अनुमान लगा लें।
बड़े नेताओं को बड़ी सजाएं ही हांेगी !
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यह भी अनुमान लगा लें कि 2024 और 2029 के बीच कितने प्रतिपक्षी नेतागण जेलों में होंगे और कितने बाहर ?
फिर देश का राजनीतिक दृश्य कैसा होगा ?
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31 दिसंबर 22
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